भास्कर न्यूज | मुंगेर मुंगेर विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि सहायक प्राध्यापकों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीसीआर (कॉन्फिडेंशियल कैरेक्टर रोल) नोटिफिकेशन से जुड़े मुद्दों पर कुलपति से बातचीत करने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में दर्जनों अतिथि शिक्षक शामिल थे। लेकिन वीसी कार्यालय पहुंचने पर कुलपति से उनकी मुलाकात नहीं हुई। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि कुलपति नहीं मिले। हालांकि बाद में रजिस्ट्रार डॉ. घनश्याम राय ने मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। बावजूद अतिथि शिक्षक कुलपति कक्ष के समक्ष ही जमीन पर बैठे रहे। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि देर शाम तक कॉलेजों से सीसीआर मंगाने के लिए पत्र जारी नहीं हुआ। जिससे इस आंदोलन के आगे जारी रहने की संभावना बन गई है। इंतजार के बाद भी काम ना होता देख उन्होंने कहा कि हमलोग गुरूवार को भी विश्वविद्यालय आएंगे और शांतिपूर्वक सीसीआर के लिए पत्र जारी करने की मांग करेंगे। डॉ. रंधीर सहित अन्य ने बताया कि उनलोगों का कार्यकाल 30 नवंबर को ही पूरा हो गया है। मगर अब तक सेवा विस्तार के लिए कॉलेजों को सीसीआर के लिए पत्र नहीं भेजा गया है। यह प्रशासनिक स्तर पर संवेदनहीनता की स्थिति है। इधर रजिस्ट्रार के आश्वासन के बाद वे लोग कुलपति कक्ष के सामने से हट गए थे। मगर शाम तक पत्र जारी नहीं होने की स्थिति में मायूस होकर घर लौट गए। इधर विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें, तो अतिथि शिक्षकों के 11 महीने के कार्यकाल के बाद एक महीने का ब्रेक होता है। 30 नवंबर को उनका कार्यकाल पूरा हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर विचार कर रहा है। जल्द ही इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई होगी। इधर अतिथि शिक्षकों ने अपना आवेदन रजिस्ट्रार को दुबारा दिया है। जिसमें सीसीआर के लिए पत्र जारी करने की मांग की है। वे लोग गुरूवार को फिर से विश्वविद्यालय प्रशासन से कॉलेजों से सीसीआर मंगवाने पत्र जारी करने की मांग करेंगे। भास्कर न्यूज | मुंगेर मुंगेर विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि सहायक प्राध्यापकों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीसीआर (कॉन्फिडेंशियल कैरेक्टर रोल) नोटिफिकेशन से जुड़े मुद्दों पर कुलपति से बातचीत करने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में दर्जनों अतिथि शिक्षक शामिल थे। लेकिन वीसी कार्यालय पहुंचने पर कुलपति से उनकी मुलाकात नहीं हुई। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि कुलपति नहीं मिले। हालांकि बाद में रजिस्ट्रार डॉ. घनश्याम राय ने मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। बावजूद अतिथि शिक्षक कुलपति कक्ष के समक्ष ही जमीन पर बैठे रहे। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि देर शाम तक कॉलेजों से सीसीआर मंगाने के लिए पत्र जारी नहीं हुआ। जिससे इस आंदोलन के आगे जारी रहने की संभावना बन गई है। इंतजार के बाद भी काम ना होता देख उन्होंने कहा कि हमलोग गुरूवार को भी विश्वविद्यालय आएंगे और शांतिपूर्वक सीसीआर के लिए पत्र जारी करने की मांग करेंगे। डॉ. रंधीर सहित अन्य ने बताया कि उनलोगों का कार्यकाल 30 नवंबर को ही पूरा हो गया है। मगर अब तक सेवा विस्तार के लिए कॉलेजों को सीसीआर के लिए पत्र नहीं भेजा गया है। यह प्रशासनिक स्तर पर संवेदनहीनता की स्थिति है। इधर रजिस्ट्रार के आश्वासन के बाद वे लोग कुलपति कक्ष के सामने से हट गए थे। मगर शाम तक पत्र जारी नहीं होने की स्थिति में मायूस होकर घर लौट गए। इधर विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें, तो अतिथि शिक्षकों के 11 महीने के कार्यकाल के बाद एक महीने का ब्रेक होता है। 30 नवंबर को उनका कार्यकाल पूरा हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर विचार कर रहा है। जल्द ही इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई होगी। इधर अतिथि शिक्षकों ने अपना आवेदन रजिस्ट्रार को दुबारा दिया है। जिसमें सीसीआर के लिए पत्र जारी करने की मांग की है। वे लोग गुरूवार को फिर से विश्वविद्यालय प्रशासन से कॉलेजों से सीसीआर मंगवाने पत्र जारी करने की मांग करेंगे।


