सीवान के जीरादेई विधानसभा के पूर्व विधायक और भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता अमरजीत कुशवाहा ने बिहार में हाल ही में बनी सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनी मौजूदा सरकार जनादेश की नहीं, बल्कि पैसे और सत्ता के दुरुपयोग का परिणाम है। कुशवाहा के अनुसार, यदि चुनाव निष्पक्ष होते तो इंडिया गठबंधन की सरकार बनती। अमरजीत कुशवाहा ने आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले सरकार ने महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपए भेजे थे। उन्होंने इसे चुनावी प्रलोभन और आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन बताया। आर्थिक लाभ से मतदान हुआ प्रभावित कुशवाहा के मुताबिक, इस आर्थिक लाभ से मतदान प्रभावित हुआ और चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया में मूकदर्शक के बजाय सहभागी की भूमिका निभाई। माले नेता ने दावा किया कि जिस सरकार की हार तय थी, उसने सत्ता बचाने के लिए सरकारी खजाने का उपयोग किया। उन्होंने कहा, “यह सरकार पूरी तरह नकली है, यह जनादेश की सरकार नहीं है। जनता को गुमराह कर और पैसे के दम पर वोट हासिल किए गए।” कुशवाहा ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता की अपनी जिम्मेदारी का पालन करने के बजाय सत्ता पक्ष को संरक्षण दिया। कुशवाहा ने प्रदेश में चल रही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब से सम्राट चौधरी गृह मंत्री बने हैं, तब से किसी भी बड़े माफिया, चाहे वह बालू माफिया हो या शराब माफिया के ठिकानों पर बुलडोजर नहीं चला है। गरीब की झोपड़ियों पर चल रहा बुलडोजर इसके विपरीत, कार्रवाई का शिकार गरीब लोग बन रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बुलडोजर गरीब की झोपड़ियों पर चल रहा है और सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वालों की दुकानें व घर उजाड़े जा रहे हैं। वहीं, बड़े अपराधी और माफिया बेखौफ घूम रहे हैं। कुशवाहा ने कहा, “कानून का डंडा कमजोरों पर और संरक्षण ताकतवरों को यही इस सरकार की असली पहचान है।” अमरजीत कुशवाहा ने जनता से अपील की कि वह इस “फ्रॉड राजनीति” को समझे और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हो। उन्होंने कहा कि भाकपा (माले) और इंडिया गठबंधन सड़क से लेकर सदन तक इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा। सीवान के जीरादेई विधानसभा के पूर्व विधायक और भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता अमरजीत कुशवाहा ने बिहार में हाल ही में बनी सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनी मौजूदा सरकार जनादेश की नहीं, बल्कि पैसे और सत्ता के दुरुपयोग का परिणाम है। कुशवाहा के अनुसार, यदि चुनाव निष्पक्ष होते तो इंडिया गठबंधन की सरकार बनती। अमरजीत कुशवाहा ने आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले सरकार ने महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपए भेजे थे। उन्होंने इसे चुनावी प्रलोभन और आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन बताया। आर्थिक लाभ से मतदान हुआ प्रभावित कुशवाहा के मुताबिक, इस आर्थिक लाभ से मतदान प्रभावित हुआ और चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया में मूकदर्शक के बजाय सहभागी की भूमिका निभाई। माले नेता ने दावा किया कि जिस सरकार की हार तय थी, उसने सत्ता बचाने के लिए सरकारी खजाने का उपयोग किया। उन्होंने कहा, “यह सरकार पूरी तरह नकली है, यह जनादेश की सरकार नहीं है। जनता को गुमराह कर और पैसे के दम पर वोट हासिल किए गए।” कुशवाहा ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता की अपनी जिम्मेदारी का पालन करने के बजाय सत्ता पक्ष को संरक्षण दिया। कुशवाहा ने प्रदेश में चल रही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब से सम्राट चौधरी गृह मंत्री बने हैं, तब से किसी भी बड़े माफिया, चाहे वह बालू माफिया हो या शराब माफिया के ठिकानों पर बुलडोजर नहीं चला है। गरीब की झोपड़ियों पर चल रहा बुलडोजर इसके विपरीत, कार्रवाई का शिकार गरीब लोग बन रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बुलडोजर गरीब की झोपड़ियों पर चल रहा है और सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वालों की दुकानें व घर उजाड़े जा रहे हैं। वहीं, बड़े अपराधी और माफिया बेखौफ घूम रहे हैं। कुशवाहा ने कहा, “कानून का डंडा कमजोरों पर और संरक्षण ताकतवरों को यही इस सरकार की असली पहचान है।” अमरजीत कुशवाहा ने जनता से अपील की कि वह इस “फ्रॉड राजनीति” को समझे और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हो। उन्होंने कहा कि भाकपा (माले) और इंडिया गठबंधन सड़क से लेकर सदन तक इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।


