मोहाली के जीरकपुर फ्लाईओवर पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा की कार को वीआईपी काफिले में शामिल पंजाब पुलिस की एक गाड़ी ने जानबूझकर टक्कर मारी। हादसे में वे और उनकी पत्नी तो बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव को टैग करते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है। हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। पूरा मामला तीन बिंदुओं में समझिए — 1. पत्नी के साथ कार में जा रहे थे जनरल हुड्डा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि शाम 4 बजे वे अपनी पत्नी के साथ जीरकपुर फ्लाईओवर पर गाड़ी चला रहे थे। इस दौरान अंबाला की ओर जा रहे एक वीआईपी काफिले को एस्कॉर्ट करती दो पंजाब पुलिस की गाड़ियां पीछे से सायरन बजाते हुए आईं। 2. समय लगने पर पुलिस वाला हुआ नाराज उन्होंने बताया कि उन्होंने पहली गाड़ी को निकलने देने के लिए अपनी गाड़ी धीमी कर दी। भारी ट्रैफिक के कारण वीआईपी वाहन को निकलने में करीब तीन सेकंड ज़्यादा लग गए। इससे पीछे आ रही एस्कॉर्ट जीप का चालक नाराज़ हो गया और बाईं ओर से ओवरटेक करते हुए जानबूझकर तेज़ी से दाईं ओर गाड़ी मोड़ दी, जिससे उनकी कार के अगले हिस्से में टक्कर लग गई। 3. जानबूझकर की गई टक्कर, फिर मौके से निकले
टक्कर मारने के बाद वह जीप बिना रुके तेज़ी से आगे निकल गई। यह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया कदम था। न केवल वाहन को नुकसान हुआ, बल्कि भीड़भाड़ वाले रास्ते पर उनकी सुरक्षा की भी कोई परवाह नहीं की गई। जनरल हुड्डा ने लिखा कि जिन लोगों को कानून का रक्षक होना चाहिए, उनके इस तरह के अहंकार और लापरवाही से वर्दी और पूरे विभाग की साख पर दाग लगता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पर जल्द कार्रवाई होगी। डरावना अनुभव, एक्शन होना चाहिए लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “बहुत भयावह और डरावना अनुभव रहा होगा, सर! आशा है कि आप और श्रीमती हुड्डा कुशलपूर्वक होंगे।”वहीं, पंजाब के पूर्व स्पेशल चीफ सेक्रेटरी के.बी.एस. सिद्धू ने कहा, “हम ईमानदारी से आशा करते हैं कि इस लापरवाह कृत्य की जिम्मेदारी जल्द से जल्द तय की जाएगी।”


