प्रॉफिट से पहले पर्पज और फ्रीडम को प्रायोरिटी, स्टार्टअप की दुनिया को नए सिरे से गढ़ रहे Gen Z

Gen Z Entrepreneurship: कैवल्य वोहरा सिर्फ 22 साल के हैं और आदित पालिचा 23 साल के। इतनी कम उम्र में इन्होंने जेप्टो जैसी बड़ी कंपनी खड़ी कर दी। जेन Z स्टार्टअप की दुनिया में तेजी से आगे आ रहे हैं। वे ऐसी कंपनियां बना रहे हैं, जो मुनाफा ही नहीं, बल्कि पर्सनल वैल्यूज को भी अहमियत दे रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 80 फीसदी से अधिक जेन जी आंत्रप्रेन्योर्स अपने बिजनेस को पर्पज ड्रिवन बताते हैं। यह बताता है कि नई पीढ़ी के लिए जितना पैसा मायने रखता है, उतना ही उद्देश्य भी मायने रखता है। वे ऐसे बिजनेस बना रहे हैं, जो उनकी वैल्यूज और लाइफस्टाइल को दर्शाते हैं। जेन जी का यह नजरिया आंत्रप्रेन्योरशिप को नए सिरे से गढ़ रहा है।

जेन जी क्या कर रहे अलग?

प्रॉफिट से पहले पर्पज: यह जनरेशन इंपैक्ट को अहमियत दे रही है। मेंटल हेल्थ और इक्विलिटी जैसे सोशल इश्यूज इनकी बिजनेस वैल्यूज का हिस्सा होते हैं।

डिजिटल फ्रेंडली: जेन जी को डिजिटल में ढलना नहीं पड़ा, वे इसमें जन्मे हैं। इंस्टाग्राम पर ब्रांड लॉन्च करना, मैसेज बॉक्स के जरिए सेल करना और वेबसाइट बनाना इनके लिए काफी आसान है।

कम्युनिटी फीडबैक: वे कम संसाधनों में तेजी से शुरुआत करते हैं। अक्सर वे फ्री-टूल्स का इस्तेमाल करते हैं और कम्युनिटी फीडबैक पर निर्भर रहते हैं।

फ्रीडम को प्रायोरिटी: वे ऑफिस केबिन से ज्यादा फ्रीडम और फ्लेक्सिबिलिटी को प्राथमिकता देते हैं। ट्रेडिशनल 9-5 की नौकरी अधिकर जेन जी का टार्गेट नहीं है।

क्राउडफंडिंग: फंडिंग के ट्रेडिशनल तरीकों की जगह वे क्राउडफंडिंग और मुनाफे को दोबारा निवेश करने जैसे तरीकों को चुन रहे हैं, जिससे बिजनेस पर कंट्रोल बना रहे।

जेन-जी कैसे बनाते हैं बिजनेस?

कई जेन जी आंत्रप्रेन्योर्स सोशल मीडिया पर अपने फोलोअर्स के साल अपने आइडिया पर रियल टाइम फीडबैक लेते हैं। इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म इनके लिए R&D लैब जैसे हैं। पोस्ट पर मिलने वाला रिएक्शन ही डेटा बन जाता है। जेन जी परफेक्शन का इंतजार नहीं करते। वे जल्दी लॉन्च करते हैं और सुधार करते जाते हैं।

जेन-जेड बिजनेस
PC: AI

क्या हैं चुनौतियां?

  • फंडिंग तक सीमित पहुंच। इन्वेस्टर नेटवर्क और लंबी क्रेडिट हिस्ट्री न होने से ट्रेडिशनल बिजनेस लोन और वेंचर कैपिटल तक जेन जी की सीमित पहुंच है।
  • अधिकतर ने अपना वेंचर स्कूल या कॉलेज में रहते शुरू किया है। इसलिए एक्सपीरियंस गेप भी है।
  • एक ब्रांड खड़ा करना और बिजनेस में हर जिम्मेदारी खुद से निभाना कभी-कभी बर्नआउट की तरफ चला जाता है और मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।
  • डिजिटल स्पेस में काफी कंपटीशन है। ऐसे में बिना पैसे खर्च किये इस स्पेस में दिखना और अपनी पहचान बनाना काफी मुश्किल हो गया है।

80% ने ऑनलाइन शुरू किया बिजनेस

स्वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 80 फीसदी युवा उद्यमियों ने अपना बिजनेस ऑनलाइन शुरू किया है। 4 में से 3 जेन जी उद्यमियों का मानना है कि उनकी जनरेशन को पिछली पीढ़ी के मुकाबले कम आर्थिक मौके मिले हैं। वहीं, 39 फीसदी दूसरा बिजनेस शुरू करने या साइड हसल के लिए पर्याप्त पैसा कमाना चाहते हैं। हालांकि, अब जेन जी के लिए हसल कल्चर गर्व की बात नहीं है। वे मेंटल हेल्थ का ध्यान रखते हैं। डिलॉयट के सर्वे के अनुसार, 40 फीसदी जेन जी तनाव महसूस करते हैं।

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