भास्कर संवाददाता | बडवानी अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में अखंड दीपक व माताजी की जन्म शताब्दी वर्ष में परिजनों के अंदर उत्साह और उमंग का संचार हो रहा है। आदिवासी अंचल के साधकों ने हरिद्वार में होने वाले आदिवासी सम्मेलन में हिस्सेदारी का मन बनाया है। गायत्री शक्तिपीठ साली टांडा में शनिवार को समर्पण यात्रा ज्ञान रथ को साथ लेकर रवाना हुए। ज्ञान रथ के साथ पदयात्रा करने वाले साधक सीताराम सोलंकी व लालूसिंह ग्राम धावड़ी ने कहा यह सिर्फ यात्रा नहीं हमारे जीवन को बदलने वाले संत डेमनिया बाबा के प्रति समर्पण है। गुरुदेव व वंदनीय माताजी के प्रति आस्था व श्रद्धा रखकर हम पदयात्रा पूरी करेंगे। संत डेमनिया बाबा समाधि स्थल व गायत्री शक्तिपीठ साली टांडा में समर्पित साधिका कुमायड़ी आया ने आदिवासी समाज की ओर से दोनों साधकों को मंगल तिलक किया। परिव्राजक तानसेन ने वैदिक मंत्रोच्चार से रथ पूजन कर समर्पण पदयात्रा की विदाई कराई। जिला सहायक विक्रम जमरे, लालचंद डावर व शिला अहिरे ने शक्तिपीठ साली टांडा से गायत्री माता की ज्योति शक्ति कलश के साथ समर्पित की। 35 दिन की समर्पण पदयात्रा में सुसज्जित ज्ञान रथ पर सौर ऊर्जा प्लेट लगाई। जिससे माइक व साउंड लाइट संचालित किया जाएगा। समर्पण पदयात्रा ठीकरी, इंदौर, देवास, ग्वालियर, आवलखेड़ा, मथुरा व मेरठ में निषादराज के क्रिया कलापों व जन्म शताब्दी वर्ष की सफलता की कामनाओं के साथ गोष्ठी व दीप यज्ञ करती हुई हरिद्वार पहुंचेगी। यात्रा में व्यसन मुक्त भारत हो अभियान संचालित किया जाएगा। रथ में पं. श्रीराम शर्मा जी के सद्विचारों के साहित्य भी रखे हैं। जिला समन्वयक महेंद्र भावसार ने बताया जब इच्छा के साथ शक्ति जुड़ती है तभी संकल्प बनता है और संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। नरेंद्र डावर साधना अभियान प्रभारी साली टांडा के नेतृत्व में 60 परिजन हरिद्वार में समय दान की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।


