देवरिया के नगर पालिका परिषद गौरा बरहज में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच तेज हो गई है। अधिशासी अधिकारी (ईओ) निरूपमा प्रताप, अध्यक्ष श्वेता जायसवाल और संबंधित ठेकेदार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी ने इन तीनों को 12 नवंबर 2025 को अपने कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। यह कार्रवाई बरहज निवासी अमरेंद्र कुमार गुप्ता की शिकायत पर शुरू हुई है। गुप्ता ने नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार, धन के दुरुपयोग और ठेकेदारों से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए थे। शिकायत के बाद आयुक्त गोरखपुर मंडल ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। शिकायतकर्ता अमरेंद्र गुप्ता (पुत्र स्व. रजनीकांत गुप्ता, निवासी नंदना वार्ड, पश्चिमी बस स्टैंड बरहज) ने अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि विकास कार्यों और परियोजनाओं के नाम पर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर गबन किया गया है। उन्होंने दावा किया कि अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी और कुछ ठेकेदारों ने मिलकर फर्जी बिलों और अपूर्ण कार्यों के माध्यम से सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि कुछ कार्य बिना टेंडर प्रक्रिया के आवंटित किए गए, और कई मामलों में कार्य पूरा हुए बिना ही भुगतान कर दिया गया। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए माननीय लोकायुक्त उत्तर प्रदेश ने मामले की प्राथमिक जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद मंडल स्तर पर एक जांच समिति गठित की गई। मामले की जांच कर रही समिति की अध्यक्षता कर रहे एसपी सिटी गोरखपुर अभिनव त्यागी ने ईओ निरूपमा प्रताप और अध्यक्ष श्वेता जायसवाल को 12 नवंबर 2025 को दोपहर 2 बजे पुलिस अधीक्षक नगर कार्यालय, गोरखपुर में उपस्थित होने का आदेश दिया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि संबंधित अधिकारी और अध्यक्ष निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं होते हैं, तो यह माना जाएगा कि उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं।


