Gas Geyser Safety Tips: सर्दियों की सुस्ती भगाने के लिए गर्म पानी से नहाना किसे अच्छा नहीं लगता? हम बाथरूम में जाते हैं, गीजर ऑन करते हैं और कड़ाके की ठंड में गर्म शॉवर के नीचे से जल्दी हटने का मन नहीं करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी यह थोड़ी सी देर की लापरवाही बाथरूम को एक गैस चैंबर में बदल सकती है?
जी हां, यह डराने वाली बात नहीं, बल्कि हकीकत है। हर साल सर्दी के मौसम में देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी खबरें आती हैं जहां बाथरूम में नहाते वक्त लोग बेहोश हो गए और कई मामलों में तो जान भी चली गई। जिसे हम अक्सर हार्ट अटैक या चक्कर आना समझ लेते हैं, वह असल में बाथरूम में बनने वाली जहरीली गैस का असर होता है।
इसी खतरे को देखते हुए एक्सपर्ट्स बार-बार लोगों को आगाह करते रहे हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने गीजर, खास तौर पर गैस गीजर (Gas Geyser) के लिए सुरक्षा के मानक पहले से तय कर रखे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इन नियमों की अनदेखी कर बैठते हैं। आइये आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर बंद बाथरूम में मौत कैसे दस्तक देती है और आप अपने परिवार को इससे कैसे बचा सकते हैं।
Gas Geyser Mistake: बाथरूम में नहाते वक्त आखिर हम क्या गलती कर बैठते हैं?
सबसे बड़ी गलती जो हम करते हैं, वह है बिना वेंटिलेशन वाले बाथरूम में गैस गीजर चलाना और दरवाजा अंदर से बंद कर लेना।

दरअसल, गैस गीजर पानी गर्म करने के लिए एलपीजी (LPG) या नेचुरल गैस का इस्तेमाल करता है। इसे जलने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जब आप छोटे से बाथरूम में दरवाजा और खिड़की बंद करके गीजर चलाते हैं, तो वह बाथरूम में मौजूद ऑक्सीजन को तेजी से खींचने लगता है। कुछ ही देर में वहां ऑक्सीजन खत्म हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide) नाम की जहरीली गैस बनने लगती है।
What is Carbon Monoxide: वो ‘Silent Killer’ गैस जो बिना आहट दिए ले लेती है जान
कार्बन मोनोऑक्साइड इतनी खतरनाक है कि इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।

न गंध, न रंग: इस गैस की न तो कोई बदबू होती है और न ही यह दिखाई देती है। जब हम सांस लेते हैं, तो यह गैस हमारे शरीर में जाकर हीमोग्लोबिन के साथ मिल जाती है और दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचना बंद हो जाता है। परिणाम यह होता है, नहाते हुए व्यक्ति को पता भी नहीं चलता कि कब उसे सुस्ती आई और वह बेहोश होकर गिर पड़ा। समय पर मदद न मिले तो दम घुटने से जान जा सकती है।
BIS Guidelines for Geyser: गीजर लगवाने से पहले जान लें वेंटिलेशन के ये नियम
सरकार और BIS के मानकों के मुताबिक, गीजर (चाहे गैस हो या इलेक्ट्रिक) लगाते समय कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

वेंटिलेशन है सबसे जरूरी: BIS के तय मानकों के अनुसार, गैस गीजर कभी भी ऐसे बाथरूम में इंस्टाल नहीं किया जाना चाहिए जहां हवा के आने-जाने (Cross Ventilation) का रास्ता न हो। अगर बाथरूम में खिड़की नहीं है, तो एग्जॉस्ट फैन होना बेहद जरूरी है।
बाथरूम के बाहर लगाएं यूनिट: सुरक्षा की दृष्टि से सबसे अच्छा नियम यह है कि गैस गीजर की मेन यूनिट उसे बाथरूम के बाहर किसी खुली जगह पर लगाया जाए और सिर्फ गर्म पानी का पाइप अंदर लाया जाए।
ISI मार्क और सेफ्टी सेंसर: हीटर की तरह गीजर खरीदते समय भी ISI मार्क देखना न भूलें। सुरक्षित गीजरों में ऑक्सीजन डिप्लेशन सेंसर (ODS) जैसे फीचर्स होते हैं। यह सेंसर जैसे ही देखता है कि कमरे में ऑक्सीजन खतरनाक स्तर तक कम हो रही है, वह गीजर को तुरंत बंद कर देता है।
Gas Geyser Safety Tips in Hindi: हादसों से बचने के लिए आज ही बदलें अपनी आदतें
अगर आपके घर में पहले से गीजर लगा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है, बस इस्तेमाल का तरीका बदल लें।

नहाने से पहले गीजर बंद करें: यह सबसे सुरक्षित तरीका है। बाल्टी में गर्म पानी भर लें और नहाने जाने से पहले गीजर को ऑफ (Switch Off) कर दें। जलते हुए गीजर के साथ बाथरूम बंद न करें।
दरवाजा पूरा बंद न करें: अगर आप अकेले हैं, तो बाथरूम की कुंडी पूरी तरह लगाने के बजाय थोड़ा सा गैप छोड़ सकते हैं या एग्जॉस्ट फैन जरूर चलाएं।
लीकेज चेक करें: कई बार रबर की पाइप पुरानी होने से गैस लीक होती है। हर सीजन में एक बार मैकेनिक को बुलाकर पाइप और बर्नर की जांच जरूर करवाएं।
Symptoms of Gas Poisoning: कैसे पहचानें कि बाथरूम में जहरीली गैस बन रही है?
सबसे डरावनी बात यह है कि कार्बन मोनोऑक्साइड की कोई गंध (Smell) नहीं होती, इसलिए नाक से इसका पता नहीं चलता है। लेकिन आपका शरीर खतरे के संकेत देने लगता है। अगर बाथरूम में नहाते वक्त आपको इनमें से कुछ भी महसूस हो, तो तुरंत बाहर निकल आएं।

- तेज सिरदर्द: अचानक सिर भारी होना या माथे में तेज दर्द।
- चक्कर आना: सब कुछ घूमता हुआ महसूस होना या आंखों के आगे अंधेरा छाना।
- जी मिचलाना: उल्टी जैसा महसूस होना।
- सांस फूलना: सांस लेने में तकलीफ होना या घबराहट होना।
अगर नहाते वक्त ऐसा लगे, तो एक सेकंड की भी देरी न करें। दरवाजा खोलें और तुरंत खुली हवा में आ जाएं।
कुल मिलाकर, गर्म पानी से नहाना सर्दियों की जरूरत है, लेकिन इसके लिए जान जोखिम में डालना समझदारी नहीं। BIS के जो नियम आपकी सुरक्षा के लिए बने हैं, उनका पालन करें और थोड़ी सी सावधानी रखकर किसी भी बड़े हादसे को टालें।


