लोक आस्था का महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। व्रती तालाब, नदी या विभिन्न छठ घाट पर स्नान कर गुड़ का खीर बनाएंगे और खरना करेंगे। इसके बाद गुड़ का खीर प्रसाद के रूप में वितरण किया जाएगा। औरंगाबाद में पर्व को लेकर जहां छठ घाटों पर तैयारी पूरी कर ली गई है, वहीं छठ सामग्रियों का बाजार सज गया है और लोग अर्घ्य की सामग्रियों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि अभी बाजार में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं आई है। शाम चार बजे तक बाजारों में भारी भीड़ और बढ़ सकती है। पर्व के दौरान सामग्रियों की कीमत बढ़ने से व्यवसायी वर्ग परेशान है, लेकिन उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस बार बाजार अच्छा रहेगा और उनके द्वारा खरीदे गए प्रसाद और सामग्रियों की अच्छी बिक्री होगी। क्योंकि यह पर्व आस्था का पर्व है और आस्था के पर्व में महंगाई नगण्य होती है और श्रद्धालुओं की पराकाष्ठा ज्यादा होती है। व्रतियों के द्वारा बाजार में फलों के साथ साथ अर्घ्य की समस्त सामग्रियों की जमकर खरीदारी की गई। बाजार में सूखे फल के व्यवसायी भी इस वर्ष के छठ पर्व की शुरुआत से ही काफी खुश दिखे और व्रतियों ने भी महंगाई के बाद भी खूब खरीदारी की। त्योहार के दौरान बढ़े फलों की कीमत व्रतियों ने बताया कि आम तौर पर पर्व एवं त्योहार के दौरान फलों की कीमत में वृद्धि होती ही है, लेकिन महंगाई के आगे आस्था हमेशा भारी ही पड़ती है। उम्मीद के अनुसार नहीं आ रहे ग्राहक फल व्यवसायी बबलू गुप्ता ने बताया कि बाजार में अभी भीड़ उम्मीद के अनुसार नहीं है, लेकिन शाम तक खरीदारी के लिए लोग बाजार पहुंचते हैं। देव छठ मेला में फल बेच रहे राम अवतार सिंह ने बताया कि इस वर्ष अच्छी आमदनी की उम्मीद है। महंगाई पहले से थोड़ी बढ़ी है लेकिन आस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ग्राहक पहुंच रहे हैं और जमकर खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में विभिन्न फलों के अलावा ड्राई फ्रूट्स और अर्ध्य के लिए सूप में रखे जाने वाले सामानों की बिक्री के लिए दुकान सजाए गए हैं। हालांकि छठ पर्व को लेकर पिछले दो दिनों में फल के रेट में 20 से 30 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। कल तक बाजार 50 रुपए प्रति दर्जन बिकने वाला केला आज 60 से 70 रुपए प्रति दर्जन बिक रहा है। वहीं अमरूद बाजार में 80 से 120 रुपए किलो तक बिक रहा है। नारियल पानी आज 80 से 100 रुपए प्रति पीस तक बेचा जा रहा है। हालांकि इसके बावजूद भी श्रद्धालु बाजार में जमकर खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। लोक आस्था का महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। व्रती तालाब, नदी या विभिन्न छठ घाट पर स्नान कर गुड़ का खीर बनाएंगे और खरना करेंगे। इसके बाद गुड़ का खीर प्रसाद के रूप में वितरण किया जाएगा। औरंगाबाद में पर्व को लेकर जहां छठ घाटों पर तैयारी पूरी कर ली गई है, वहीं छठ सामग्रियों का बाजार सज गया है और लोग अर्घ्य की सामग्रियों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि अभी बाजार में उम्मीद के अनुरूप भीड़ नहीं आई है। शाम चार बजे तक बाजारों में भारी भीड़ और बढ़ सकती है। पर्व के दौरान सामग्रियों की कीमत बढ़ने से व्यवसायी वर्ग परेशान है, लेकिन उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस बार बाजार अच्छा रहेगा और उनके द्वारा खरीदे गए प्रसाद और सामग्रियों की अच्छी बिक्री होगी। क्योंकि यह पर्व आस्था का पर्व है और आस्था के पर्व में महंगाई नगण्य होती है और श्रद्धालुओं की पराकाष्ठा ज्यादा होती है। व्रतियों के द्वारा बाजार में फलों के साथ साथ अर्घ्य की समस्त सामग्रियों की जमकर खरीदारी की गई। बाजार में सूखे फल के व्यवसायी भी इस वर्ष के छठ पर्व की शुरुआत से ही काफी खुश दिखे और व्रतियों ने भी महंगाई के बाद भी खूब खरीदारी की। त्योहार के दौरान बढ़े फलों की कीमत व्रतियों ने बताया कि आम तौर पर पर्व एवं त्योहार के दौरान फलों की कीमत में वृद्धि होती ही है, लेकिन महंगाई के आगे आस्था हमेशा भारी ही पड़ती है। उम्मीद के अनुसार नहीं आ रहे ग्राहक फल व्यवसायी बबलू गुप्ता ने बताया कि बाजार में अभी भीड़ उम्मीद के अनुसार नहीं है, लेकिन शाम तक खरीदारी के लिए लोग बाजार पहुंचते हैं। देव छठ मेला में फल बेच रहे राम अवतार सिंह ने बताया कि इस वर्ष अच्छी आमदनी की उम्मीद है। महंगाई पहले से थोड़ी बढ़ी है लेकिन आस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ग्राहक पहुंच रहे हैं और जमकर खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में विभिन्न फलों के अलावा ड्राई फ्रूट्स और अर्ध्य के लिए सूप में रखे जाने वाले सामानों की बिक्री के लिए दुकान सजाए गए हैं। हालांकि छठ पर्व को लेकर पिछले दो दिनों में फल के रेट में 20 से 30 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। कल तक बाजार 50 रुपए प्रति दर्जन बिकने वाला केला आज 60 से 70 रुपए प्रति दर्जन बिक रहा है। वहीं अमरूद बाजार में 80 से 120 रुपए किलो तक बिक रहा है। नारियल पानी आज 80 से 100 रुपए प्रति पीस तक बेचा जा रहा है। हालांकि इसके बावजूद भी श्रद्धालु बाजार में जमकर खरीदारी करने पहुंच रहे हैं।


