ग्लोबल एलुमिनाई कन्वेंशन-2025 के दूसरे दिन की शुरुआत त्रिवेणी संगम के पावन दर्शन से हुई, जहां पुरा छात्रों ने संगम में स्नान किया। इसके बाद सभी ने छात्रावास के मेस में पारंपरिक नाश्ता किया, जिससे उन्हें अपने छात्र जीवन की पुरानी यादों को फिर से जीने का अवसर मिला। इसके बाद छात्रावासों में भी गए जहां पुराने परिचित गलियारों और कमरों को देखकर पूर्व छात्र एक बार फिर अपने सुनहरे दिनों में लौटते दिखे। यहां पुरा छात्रों ने MNNIT के छात्रों के लिए अपना खजाना खोल दिया। ई. विजय वाधवान ने आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए अपनी छात्रवृत्ति निधि में 10 लाख की वृद्धि करते हुए कुल योगदान 25 लाख कर दिया और इसे बढ़ाकर 1 करोड़ तक ले जाने का संकल्प लिया। सिल्वर जुबली बैच के डॉ. विवेक गर्ग ने 25 लाख की कोष राशि से अगले पांच वर्षों तक मेधावी और मेधा-आधारित छात्रवृत्तियां प्रदान करने के लिए समझौता किया। वहीं, उसी बैच के ई. ज्योति प्रकाश भट्ट, जो अमेरिका स्थित Impact QA के स्वामी हैं, ने प्रतिवर्ष 5 से 10 छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की। छात्र-छात्राओं के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम करने पर जोर पुरा छात्रों ने प्लेसमेंट प्रथाओं को मजबूत करने और विद्यार्थियों के लिए संरचित मेंटरशिप कार्यक्रम आरंभ करने का सुझाव दिया, ताकि वे अपने पेशेवर अनुभव और विशेषज्ञता को सीधे छात्रों तक पहुंचा सकें। एमएनएनआईटी एलुमिनाई एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. अभिनव कुमार दुबे ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विश्व की अग्रणी संस्थाओं में विकास का बड़ा हिस्सा पुरा छात्रों के योगदान से संचालित होता है और एमएनएनआईटी के पूर्व छात्रों से भी इसी प्रकार के निरंतर सहयोग की अपेक्षा की। कार्यवाहक निदेशक प्रो. शुभी पुरवार ने कहा कि ये पुरस्कार उन उत्कृष्ट पूर्व छात्रों को समर्पित हैं जिनकी उपलब्धियां नेतृत्व, नवाचार और सेवा के उच्च मूल्यों को प्रतिबिंबित करती हैं। उन्होंने इसे केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि पूरे संस्थान का सामूहिक गौरव बताया। मानव युग का सबसे गतिशील समय : रमेश नारायण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, SJVN लिमिटेड रमेश नारायण मिश्रा ने व्यावसायिक जीवन में सत्य को स्वीकार करने तथा सहानुभूति और विनम्रता को शक्ति के रूप में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। दिन का सबसे प्रेरणादायक क्षण वह था जब मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता नवीन तिवारी, संस्थापक एवं सीईओ, इनमोबी ग्रुप और ग्लांस ने मंच संभाला। भारत के डीप-टेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम के प्रमुख नेताओं में से एक नवीन तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रही है जो मानव इतिहास का सबसे गतिशील और क्रांतिकारी समय है। एक ऐसा युग जिसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु तकनीक और जैव अभियांत्रिकी दिशा दे रहे हैं। जो जीवन बदल दे वह जीवन का महत्वपूर्ण कोड उन्होंने युवाओं से “बड़े सपने देखने और जिम्मेदारी से निर्माण करने” का आह्वान किया तथा कहा कि तकनीक को मानवीय बनाए रखना ही असली चुनौती है। उन्होंने अपनी बात को और अधिक प्रभावी बनाते हुए कहा कि “सबसे महत्वपूर्ण कोड वह है जो किसी का जीवन बदल दे।” उन्होंने भारत के तकनीकी और आर्थिक परिवर्तन पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि देश अब मात्र वैश्विक प्रगति का सहभागी नहीं, बल्कि उसका प्रेरक बन चुका है। उन्होंने ‘मेड इन इंडिया’ से ‘इमैजिन्ड इन इंडिया’ तक की राष्ट्रीय यात्रा को रेखांकित किया और इनमोबी तथा ग्लांस के वैश्विक प्रभाव का उल्लेख किया। इन्हें किया गया सम्मानित पुरस्कार समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। वाइस एडमिरल अशोक कुमार कालरा (से.नि.) को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया। यंग अचीवर अवॉर्ड ई. सृष्टि सिंह और ई. प्रशांत गाजीपुर को प्राप्त हुआ। प्रोफेशनल एक्सीलेंस के लिए ई. शरद महेंद्र, ई. अमिताभ और डॉ. भारत राज सिंह को सम्मानित किया गया। उद्यमिता और नवाचार श्रेणी में ई. कुलदीप त्यागी को सम्मान प्रदान किया गया, जबकि अल्मा मेटर और समाज सेवा श्रेणी में ई. विजय वाधवान को उनके निरंतर योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समापन प्रो. अभिनव कुमार दुबे के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने पूर्व छात्रों के उत्साह, योगदान और संस्थान के प्रति उनके अटूट भावनात्मक संबंध के लिए आभार व्यक्त किया।


