सिंगरौली में वनकर्मी पर आदिवासी को पीटने का आरोप:पीड़ित को घाट पर लिटाकर बैगा समाज ने रैली निकाली, एफआईआर दर्ज करने की मांग

सिंगरौली जिले में न्याय की मांग को लेकर भावुक कर देने वाला प्रदर्शन देखने को मिला। गोभा निवासी आदिवासी श्रीलाल बैगा के साथ हुई मारपीट के मामले में जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो समाज का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को जिला पंचायत सदस्य संदीप साहू की अगुवाई में 50 से ज्यादा आदिवासियों ने ‘खाट यात्रा’ निकाली और कलेक्ट्रेट का घेराव किया। चारपाई पर पीड़ित, हाथों में तख्तियां लेकर निकले लोग यह विरोध प्रदर्शन वन विभाग के दफ्तर से शुरू हुआ। घायल श्रीलाल बैगा को एक चारपाई (खाट) पर लिटाया गया, जिसे चार लोग अपने कंधों पर उठाकर करीब 5 किलोमीटर दूर कलेक्ट्रेट तक ले गए। इस रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जो ‘श्रीलाल बैगा को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे। समाज का आरोप है कि रक्षक ही भक्षक बन गए हैं और प्रशासन दोषियों को बचा रहा है। क्या है पूरा मामला? विवाद 18 दिसंबर का है। आरोप है कि वन भूमि पर खेती को लेकर हुए विवाद में वनकर्मी सुनील बुनकर ने श्रीलाल बैगा के साथ मारपीट की थी। इसके बाद उल्टा पीड़ित को ही गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया। शनिवार को जब प्रभारी मंत्री संपत्तिया उईके जिले के दौरे पर थीं, तब पीड़ित उनसे मिलने पहुंचा था, लेकिन उसे मिलने नहीं दिया गया। इसी उपेक्षा से नाराज होकर अब समाज सड़क पर उतरा है। पुलिस का पक्ष: मेडिकल रिपोर्ट में उलझा मामला इस मामले पर पुलिस अधीक्षक (SP) मनीष खत्री का कहना है कि श्रीलाल बैगा की तीन बार मेडिकल जांच कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पहली जांच (गिरफ्तारी के समय) में चोट की बात सामने नहीं आई थी, लेकिन बाद की जांच में चोटें पाई गई हैं। मामला पेचीदा होने के कारण इसकी जांच नगर पुलिस अधीक्षक (CSP) को सौंपी गई है। पुलिस का दावा है कि जांच पूरी होते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। “कार्रवाई होने तक जारी रहेगा संघर्ष” जिला पंचायत सदस्य संदीप साहू ने दोटूक कहा कि वन विभाग और पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। आरोपी वनकर्मी पर अब तक एफआईआर (FIR) न होना आदिवासियों के साथ अन्याय है। खाट यात्रा के जरिए आदिवासियों ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही आरोपी को जेल नहीं भेजा गया, तो आंदोलन और बड़ा रूप लेगा।

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