Ford ने की शानदार वापसी: चेन्नई प्लांट फिर शुरू करेगी कंपनी, ₹3,250 करोड़ निवेश से 600 नौकरियां

Ford ने की शानदार वापसी: चेन्नई प्लांट फिर शुरू करेगी कंपनी, ₹3,250 करोड़ निवेश से 600 नौकरियां
अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड ने एक बार फिर भारत में अपने निर्माण कार्य को शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी जल्द ही चेन्नई स्थित अपने मारेमलई नगर प्लांट में उत्पादन दोबारा शुरू करने जा रही है, जहां अब नई पीढ़ी के इंजन बनाए जाएंगे।
मौजूद जानकारी के अनुसार, फोर्ड ने इस परियोजना में शुरुआती निवेश के तौर पर ₹3,250 करोड़ लगाने की घोषणा की है। कंपनी के अनुसार, इस निवेश से 600 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
 
गौरतलब है कि फोर्ड ने वर्ष 2021 में अपने चेन्नई संयंत्र का संचालन बंद कर दिया था। हालांकि, सितंबर 2024 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के अमेरिका दौरे के दौरान कंपनी ने राज्य सरकार को एक Letter of Intent (LOI) सौंपते हुए फिर से उत्पादन शुरू करने की इच्छा जताई थी।
बता दें कि अब उस पहल को आगे बढ़ाते हुए फोर्ड और तमिलनाडु सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते में यह तय किया गया है कि भारत को फोर्ड की वैश्विक Ford+ योजना के तहत एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
 
मौजूदा योजना के तहत, इस वर्ष के अंत तक परियोजना का काम शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद चेन्नई संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता 2,35,000 इंजन तक बढ़ाई जाएगी और 2029 तक उत्पादन शुरू होने का अनुमान है।
फोर्ड मोटर कंपनी के इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के अध्यक्ष जेफ मारेन्टिक ने कहा कि “हम चेन्नई संयंत्र की भूमिका को लेकर उत्साहित हैं और तमिलनाडु सरकार के सहयोग के लिए आभारी हैं। यह निर्णय भारत की विनिर्माण क्षमता में हमारे विश्वास को और मजबूत करता है।” वहीं, तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी. आर. बी. राजा ने कहा कि फोर्ड का चेन्नई में फिर से निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय राज्य के ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई ऊर्जा देगा।
 
उन्होंने कहा, “यह न केवल फोर्ड संयंत्र में उत्पादन की वापसी है, बल्कि राज्य के ऑटोमोटिव उद्योग के भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम भी है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के नेतृत्व में राज्य सरकार पूरी तरह से फोर्ड के संचालन में सहयोग करेगी।”
इस कदम के साथ तमिलनाडु एक बार फिर भारत के प्रमुख ऑटोमोबाइल हब के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करता नजर आ रहा है। उद्योग जगत का मानना है कि यह निवेश राज्य के आर्थिक परिदृश्य और रोजगार सृजन दोनों के लिए सकारात्मक साबित होगा।
 
फोर्ड की यह वापसी भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक बड़े भरोसे के संकेत के रूप में देखी जा रही है, जो देश के विनिर्माण क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकती है।

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