ट्रेनों के इंजन में लग रहे फॉग सेफ्टी डिवाइस:लोको पायलट कम विजिबिलिटी में भी देख सकेंगे सिग्नल, लेटलतीफी होगी नियंत्रित

ट्रेनों के इंजन में लग रहे फॉग सेफ्टी डिवाइस:लोको पायलट कम विजिबिलिटी में भी देख सकेंगे सिग्नल, लेटलतीफी होगी नियंत्रित

कोहरे के बीच सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे मंडल ने तैयारी कर ली है। रेलवे ट्रेन परिचालन में फॉग सेफ डिवाइस और आधुनिक संकेतक प्रणाली का उपयोग शुरू कर दिया गया है। जिससे ट्रेनों की लेटलतीफी को नियंत्रित किया जा सके। रेलवे मंडल की ओर से यात्री से भी सहयोग मांगा गया है। मंडल के मीडिया प्रभारी आरके सिंह ने बताया कि रेलवे मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों के इंजनों में तेजी से फॉग सेफ डिवाइस लगाए जा रहे हैं। यह उन्नत तकनीक लोको पायलट को कम विजिबिलिटी में भी सिग्नल, ट्रैक मार्किंग और महत्वपूर्ण लोकेशन की सटीक पहचान करने में सहायता प्रदान करती है। ऑटोमैटिक सिग्नलिंग को अपग्रेड किया गया है। चुने से विजिबिलिटी मार्किंग कहा कि ट्रैक से लेकर टेल लैंप तक प्रमुख ट्रैक पॉइंट्स पर चुने से विजिबिलिटी मार्किंग की गई है। इसके साथ ही सिग्नल साइटिंग बोर्डों की सफाई कर दृश्यता में सुधार किया गया है। लेवल क्रॉसिंग गेटों पर ल्यूमिनस पट्टियां लगाई गई हैं, ताकि रात व कोहरे में स्पष्ट पहचान बनी रहे। ट्रेनों के अंतिम डिब्बों में एलईडी आधारित फ्लैशर टेल लैंप लगाए गए हैं, जो पीछे आने वाली ट्रेनों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं। विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट लगाए जा रहे लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्डों के लिए जोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और अन्य केंद्रों में रिफ्रेशर प्रशिक्षण को गति दी गई है, जिसमें कोहरे की स्थिति में सुरक्षित परिचालन पर केंद्रित व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं। क्रू चेंजिंग पॉइंट्स और लोको लिंक्स की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है, जिससे किसी भी परिस्थिति में समयबद्ध और सुरक्षित परिचालन बनाए रखा जा सके। महत्वपूर्ण स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट लगाए जा रहे हैं, जिससे स्टेशन मास्टर को कोहरे का सही आकलन मिल सके। मीडिया प्रभारी ने बताया कि कोहरा में आवश्यकता पड़ने पर फॉग सिग्नल मैन, डेटोनेटर लगाने और अन्य सुरक्षा उपाय तुरंत लागू करने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। कोहरे के बीच सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे मंडल ने तैयारी कर ली है। रेलवे ट्रेन परिचालन में फॉग सेफ डिवाइस और आधुनिक संकेतक प्रणाली का उपयोग शुरू कर दिया गया है। जिससे ट्रेनों की लेटलतीफी को नियंत्रित किया जा सके। रेलवे मंडल की ओर से यात्री से भी सहयोग मांगा गया है। मंडल के मीडिया प्रभारी आरके सिंह ने बताया कि रेलवे मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों के इंजनों में तेजी से फॉग सेफ डिवाइस लगाए जा रहे हैं। यह उन्नत तकनीक लोको पायलट को कम विजिबिलिटी में भी सिग्नल, ट्रैक मार्किंग और महत्वपूर्ण लोकेशन की सटीक पहचान करने में सहायता प्रदान करती है। ऑटोमैटिक सिग्नलिंग को अपग्रेड किया गया है। चुने से विजिबिलिटी मार्किंग कहा कि ट्रैक से लेकर टेल लैंप तक प्रमुख ट्रैक पॉइंट्स पर चुने से विजिबिलिटी मार्किंग की गई है। इसके साथ ही सिग्नल साइटिंग बोर्डों की सफाई कर दृश्यता में सुधार किया गया है। लेवल क्रॉसिंग गेटों पर ल्यूमिनस पट्टियां लगाई गई हैं, ताकि रात व कोहरे में स्पष्ट पहचान बनी रहे। ट्रेनों के अंतिम डिब्बों में एलईडी आधारित फ्लैशर टेल लैंप लगाए गए हैं, जो पीछे आने वाली ट्रेनों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं। विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट लगाए जा रहे लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट और गार्डों के लिए जोनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और अन्य केंद्रों में रिफ्रेशर प्रशिक्षण को गति दी गई है, जिसमें कोहरे की स्थिति में सुरक्षित परिचालन पर केंद्रित व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं। क्रू चेंजिंग पॉइंट्स और लोको लिंक्स की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है, जिससे किसी भी परिस्थिति में समयबद्ध और सुरक्षित परिचालन बनाए रखा जा सके। महत्वपूर्ण स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट लगाए जा रहे हैं, जिससे स्टेशन मास्टर को कोहरे का सही आकलन मिल सके। मीडिया प्रभारी ने बताया कि कोहरा में आवश्यकता पड़ने पर फॉग सिग्नल मैन, डेटोनेटर लगाने और अन्य सुरक्षा उपाय तुरंत लागू करने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।  

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