भोजपुर के भगवतपुर गांव में झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपति नाथ तिवारी की हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मृतक की पत्नी मणी देवी के आवेदन पर चांदी थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस सनसनीखेज वारदात के हर पहलू की गहनता से जांच में जुट गई है। कांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राज के निर्देश पर एफएसएल के साथ-साथ डीआईयू टीम को भी जांच में लगाया गया है। 10 दिन पहले छुट्टी लेकर घर आए थे प्राथमिकी के अनुसार, पशुपति नाथ तिवारी झारखंड के हजारीबाग पीसीआर में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। पत्नी ने बताया कि कुछ दिन पहले घर में चोरी की सूचना मिली थी। इसके अलावा बहनोई उमानंद तिवारी के माध्यम से नारायणपुर थाना क्षेत्र के मड़नपुर गांव में दो बीघा चार कट्ठा जमीन का एग्रीमेंट कराना था। इसी सिलसिले में वे करीब दस दिन पहले छुट्टी लेकर गांव आए थे। 19 दिसंबर को रास बिहारी उपाध्याय से दो बीघा चार कट्ठा जमीन का एग्रीमेंट कराया था। उसी रात घर के डाइनिंग हॉल में पलंग पर सोए थे। पत्नी के अनुसार, रात करीब तीन बजे अचानक नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनके पति का एक हाथ पलंग से नीचे लटका हुआ है। आवाज देने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। आशंका होने पर वह पाटीदारों को सूचना देने गईं। जब दोबारा घर लौटीं तो देखा कि पति की धारदार हथियार से गर्दन रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई है। करीबियों पर हत्या का शक मृतक की पत्नी ने स्पष्ट किया है कि उनके पति की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। किसी पर कोई शक भी जाहिर नहीं किया था। हालांकि, पुलिस को इस हत्याकांड में बाहरी अपराधियों से अधिक करीबी लोगों की संलिप्तता की आशंका लग रही है। पुलिस पत्नी के बयान को केंद्र में रखकर तकनीकी, वैज्ञानिक और मानवीय सभी पहलुओं से जांच कर रही है। इधर, हत्या की खबर मिलते ही झारखंड से मृतक के पुत्र और बहू गांव पहुंचे, जिसके बाद शव का दाह-संस्कार कर दिया गया। फिलहाल यह हत्याकांड पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली बना हुआ है और जल्द ही मामले के उद्भेदन का दावा किया जा रहा है। भोजपुर के भगवतपुर गांव में झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपति नाथ तिवारी की हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मृतक की पत्नी मणी देवी के आवेदन पर चांदी थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस सनसनीखेज वारदात के हर पहलू की गहनता से जांच में जुट गई है। कांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राज के निर्देश पर एफएसएल के साथ-साथ डीआईयू टीम को भी जांच में लगाया गया है। 10 दिन पहले छुट्टी लेकर घर आए थे प्राथमिकी के अनुसार, पशुपति नाथ तिवारी झारखंड के हजारीबाग पीसीआर में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। पत्नी ने बताया कि कुछ दिन पहले घर में चोरी की सूचना मिली थी। इसके अलावा बहनोई उमानंद तिवारी के माध्यम से नारायणपुर थाना क्षेत्र के मड़नपुर गांव में दो बीघा चार कट्ठा जमीन का एग्रीमेंट कराना था। इसी सिलसिले में वे करीब दस दिन पहले छुट्टी लेकर गांव आए थे। 19 दिसंबर को रास बिहारी उपाध्याय से दो बीघा चार कट्ठा जमीन का एग्रीमेंट कराया था। उसी रात घर के डाइनिंग हॉल में पलंग पर सोए थे। पत्नी के अनुसार, रात करीब तीन बजे अचानक नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनके पति का एक हाथ पलंग से नीचे लटका हुआ है। आवाज देने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। आशंका होने पर वह पाटीदारों को सूचना देने गईं। जब दोबारा घर लौटीं तो देखा कि पति की धारदार हथियार से गर्दन रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई है। करीबियों पर हत्या का शक मृतक की पत्नी ने स्पष्ट किया है कि उनके पति की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। किसी पर कोई शक भी जाहिर नहीं किया था। हालांकि, पुलिस को इस हत्याकांड में बाहरी अपराधियों से अधिक करीबी लोगों की संलिप्तता की आशंका लग रही है। पुलिस पत्नी के बयान को केंद्र में रखकर तकनीकी, वैज्ञानिक और मानवीय सभी पहलुओं से जांच कर रही है। इधर, हत्या की खबर मिलते ही झारखंड से मृतक के पुत्र और बहू गांव पहुंचे, जिसके बाद शव का दाह-संस्कार कर दिया गया। फिलहाल यह हत्याकांड पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली बना हुआ है और जल्द ही मामले के उद्भेदन का दावा किया जा रहा है।


