किसानों को समय पर और सहज रूप से उर्वरक उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी परिस्थिति में किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार किसानों के कल्याण और उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम किसान तक पहुंचे। यह निर्देश मंगलवार को पश्चिम चंपारण के जिला पदाधिकारी तरनजोत सिंह ने जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में अधिकारियों को दिया। दरअसल जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में रबी 2025-26 को लेकर उर्वरकों की उपलब्धता, आवश्यकता और वितरण व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी दी कि जिले को अब तक 22,714.869 मीट्रिक टन यूरिया, 10,936.225 मीट्रिक टन डीएपी, 5,387.351 मीट्रिक टन पोटाश, 11,255.045 मीट्रिक टन एनपीके तथा 10,711.510 मीट्रिक टन एसएसपी की आपूर्ति की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रबी सीजन को देखते हुए अभी और उर्वरकों की आवश्यकता बनी हुई है। उर्वरक बिक्री में अनियमितताओं पर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की बैठक में उर्वरक बिक्री में अनियमितताओं पर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि 01 अक्टूबर 2025 से 22 दिसंबर 2025 तक जिले के 394 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई,जिसमें 17 मामलों में गड़बड़ी पाई गई। इसके तहत एक प्रतिष्ठान पर प्राथमिकी दर्ज की गई, पांच की अनुज्ञप्ति रद्द, तीन की अनुज्ञप्ति निलंबित की गई तथा आठ प्रतिष्ठानों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया। 24×7 कंट्रोल रूम के प्रभावी संचालन का भी निर्देश दिया गया जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि उर्वरकों का समान और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि छोटे और सीमांत किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। किसानों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए 24×7 कंट्रोल रूम के प्रभावी संचालन का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्रवाई का विधिवत संधारण अनिवार्य होगा। पदाधिकारी, कर्मी या उर्वरक विक्रेता किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा डीएम ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले पदाधिकारी, कर्मी या उर्वरक विक्रेता किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर अनुज्ञप्ति रद्द या निलंबित की जाएगी।साथ ही किसानों को नैनो यूरिया के लाभों से अवगत कराने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार तथा शत-प्रतिशत उर्वरक,बीज व कीटनाशक नमूना संग्रह का निर्देश दिया गया। किसानों को समय पर और सहज रूप से उर्वरक उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी परिस्थिति में किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार किसानों के कल्याण और उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम किसान तक पहुंचे। यह निर्देश मंगलवार को पश्चिम चंपारण के जिला पदाधिकारी तरनजोत सिंह ने जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में अधिकारियों को दिया। दरअसल जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में रबी 2025-26 को लेकर उर्वरकों की उपलब्धता, आवश्यकता और वितरण व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने जानकारी दी कि जिले को अब तक 22,714.869 मीट्रिक टन यूरिया, 10,936.225 मीट्रिक टन डीएपी, 5,387.351 मीट्रिक टन पोटाश, 11,255.045 मीट्रिक टन एनपीके तथा 10,711.510 मीट्रिक टन एसएसपी की आपूर्ति की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रबी सीजन को देखते हुए अभी और उर्वरकों की आवश्यकता बनी हुई है। उर्वरक बिक्री में अनियमितताओं पर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की बैठक में उर्वरक बिक्री में अनियमितताओं पर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि 01 अक्टूबर 2025 से 22 दिसंबर 2025 तक जिले के 394 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई,जिसमें 17 मामलों में गड़बड़ी पाई गई। इसके तहत एक प्रतिष्ठान पर प्राथमिकी दर्ज की गई, पांच की अनुज्ञप्ति रद्द, तीन की अनुज्ञप्ति निलंबित की गई तथा आठ प्रतिष्ठानों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया। 24×7 कंट्रोल रूम के प्रभावी संचालन का भी निर्देश दिया गया जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि उर्वरकों का समान और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि छोटे और सीमांत किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। किसानों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए 24×7 कंट्रोल रूम के प्रभावी संचालन का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रत्येक शिकायत पर की गई कार्रवाई का विधिवत संधारण अनिवार्य होगा। पदाधिकारी, कर्मी या उर्वरक विक्रेता किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा डीएम ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले पदाधिकारी, कर्मी या उर्वरक विक्रेता किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर अनुज्ञप्ति रद्द या निलंबित की जाएगी।साथ ही किसानों को नैनो यूरिया के लाभों से अवगत कराने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार तथा शत-प्रतिशत उर्वरक,बीज व कीटनाशक नमूना संग्रह का निर्देश दिया गया।


