टैरिफ के बाद भारत-अमेरिका के बीच पहली डील:जरूरत की 10% गैस US से खरीदेगा भारत, इससे देश की एनर्जी सिक्योरिटी मजबूत होगी

टैरिफ के बाद भारत-अमेरिका के बीच पहली डील:जरूरत की 10% गैस US से खरीदेगा भारत, इससे देश की एनर्जी सिक्योरिटी मजबूत होगी

टैरिफ विवाद के बीच भारत और अमेरिका ने पहली डील साइन की है। इस डील के तहत भारत अमेरिका से करीब 2.2 मिलियन टन (MTPA) LPG खरीदेगा। ये भारत की सालाना जरूरत का 10% है। यह डील केवल एक साल यानी 2026 के लिए है। ये डील भारत की सरकारी तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) ने अमेरिकी एनर्जी सप्लायर्स- चेवरॉन, फिलिप्स 66 और टोटल एनर्जीज ट्रेडिंग के साथ की है। भारत दुनिया का दूसरा बड़ा LPG उपभोक्ता है। अभी भारत अपनी LPG जरूरतों का 50% से ज्यादा आयात करता है और ज्यादातर सप्लाई पश्चिम एशिया के बाजारों से आती है। भारत की एनर्जी सिक्योरिटी मजबूत होगी सिलेंडर की कीमतें कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने इस डील को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा- दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते LPG मार्केट्स में से एक अब US सप्लाई के लिए खुल गया है। भारत के लोगों को सुरक्षित और सस्ता LPG उपलब्ध कराने के हमारे प्रयास में, हम अपनी सोर्सिंग को डाइवर्सिफाई कर रहे हैं। यह डील उस दिशा में एक अहम कदम है। अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोर्सिंग करने का यह कदम नई दिल्ली की रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद पारंपरिक सप्लायर्स पर निर्भरता कम करना, सप्लाई की स्थिरता बढ़ाना और ग्लोबल मार्केट में तेज कीमतों के उछाल से बचाव करना है। पुरी ने बताया कि पिछले साल ग्लोबल LPG कीमतें 60% से ज्यादा बढ़ गईं, फिर भी सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों को सिर्फ ₹500-550 प्रति सिलेंडर ही चुकाना पड़ा, जबकि असली लागत ₹1,100 तक पहुंच गई थी। सरकार ने बाकी बोझ खुद उठाया और उपभोक्ताओं को कीमत के झटके से बचाने के लिए ₹40,000 करोड़ से ज्यादा खर्च किए। मंत्री ने इस US डील को भारतीय घरों के लिए ‘सुरक्षित, सस्ता और विश्वसनीय LPG सप्लाई’ सुनिश्चित करने की दिशा में एक और कदम बताया। क्या गैस सिलेंडर के दाम घट सकते हैं? इस डील में सीधे तौर पर सिलेंडर की कीमतें कम करने का कोई वादा नहीं किया गया है। कोई आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं आया है कि यह डील सीधे सिलेंडर सस्ता करेगी। हालांकि, सप्लाई के स्थिर और डायवर्सिफाई होने से अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचा सकती है। यह लॉन्ग-टर्म डील भारत को कीमतों में वैश्विक उतार-चढ़ाव से बचाव में मदद करेगी। इससे 2026 में 2.2 मिलियन टन LPG की स्थिर सप्लाई मिलेगी (भारत की 10% जरूरत), जो ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाएगी। स्थिर आयात का फायदा उपभोक्ताओं को मिल सकता है। भारत पर अमेरिका ने 50% टैरिफ लगाया है ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है। इसमें 25% रेसीप्रोकल और रूसी तेल खरीद पर 25% पेनल्टी है। इसके अलावा भारत का US के साथ ट्रेड सरप्लस है। अब एनर्जी खरीद बढ़ाकर ट्रेड डील फाइनल करने की कोशिश है। —————————– ये खबर भी पढ़ें 1. पीयूष गोयल बोले-भारत बंदूक तानकर डील नहीं करता: ट्रेड डील पर US से बातचीत जारी, हाई टैरिफ से निपटने नए मार्केट्स ढूंढ रहे कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका ट्रेड डील को लेकर शुक्रवार को कहा कि भारत जल्दबाजी में सौदे और सिर पर बंदूक रखकर डील नहीं करता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. भारत बोला- अमेरिका से जल्द ट्रेड डील फाइनल करेंगे: दोनों देशों का मकसद फायदेमंद समझौता करना; ट्रम्प ने कुल 50% टैरिफ लगाया डोनाल्ड ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार ट्रेड डील पर बातचीत के लिए आज (16 सितंबर, मंगलवार) अमेरिकी दल भारत पहुंचा। अमेरिकी टीम के साथ मीटिंग के बाद कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि भारत और अमेरिका ने ट्रेड डील को जल्द से जल्द फाइनल करने के अपनी कोशिशें तेज करने का फैसला किया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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