रीवा के लालगांव और भटवा खरीदी केंद्र में अव्यवस्थाओं के चलते किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अनाज बेचने के लिए पहुंचे किसानों की समय पर तौल और खरीदी नहीं हो पा रही है। इसके कारण किसानों को रातभर खरीदी केंद्र परिसर में ही रुकना पड़ा। ठंड से बचने के लिए कई किसानों ने ट्रैक्टर के नीचे रात बिताई। किसानों का कहना है कि पूरी रात ठंड में ठिठुरते रहे, लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। भटवा खरीदी केंद्र पर तो 2 दिन से खड़ी एक 70 वर्षीया महिला किसान फूट-फूटकर रोने लगी। महिला किसानों ने बताया कि घर में कोई पुरुष नहीं,लेकिन असामाजिक तत्वों की वजह से महिलाओं को खतरा महसूस होता है। ट्रैक्टर के नीचे सो रहे किसान
किसानों के अनुसार, दिनभर लाइन में लगने के बावजूद शाम तक खरीदी नहीं हो सकी। न तो बैठने की व्यवस्था थी और न ही ठंड से बचाव के इंतजाम। मजबूरी में किसानों को ट्रैक्टर-ट्रॉली के पास ही रात गुजारनी पड़ी। हालांकि किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति केवल लालगांव खरीदी केंद्र तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले भर के अधिकांश खरीदी केंद्रों में यही हालात बने हुए हैं। जगह-जगह अव्यवस्था, देर से तौल और कर्मचारियों की कमी के चलते किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। प्रशासन पर ध्यान नहीं देने का आरोप
गौरतलब है कि किसानों की समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर और प्रशासन पहले ही सभी खरीदी केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर हालात नहीं सुधरे हैं, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। किसान रामलाल पटेल ने कहा, “लालगांव खरीदी केंद्र में पूरी व्यवस्था चरमराई हुई है। सुबह से लाइन में लगे हैं, लेकिन तौल नहीं हो पाई। मजबूरी में ट्रैक्टर के नीचे रात बितानी पड़ी।” किसान शिवप्रसाद सिंह ने कहा, “यह समस्या सिर्फ एक केंद्र की नहीं है, जिले के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में यही हाल है। ठंड में किसान रात काटने को मजबूर हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।”


