जालौन में सोमवार और मंगलवार हुई लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। अतिवृष्टि के कारण जिले की तीनों विधानसभाओ, माधौगढ़, उरई और कालपी के खेतों में खड़ी धान की फसल पानी में डूबकर नष्ट हो गई हैं। जिन किसानों ने रबी सीजन की मटर, मसूर और चने की बुवाई शुरू की थी, उनके खेतों में पानी भर जाने से बीज गलने लगे हैं। वहीं खरीफ की बची-कुची फसलें भी भारी नुकसान की चपेट में आ गई हैं। किसानों की खराब हुई फसलों को लेकर राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष विपिन शिवहरे (ध्रुव) के नेतृत्व में आरएलडी के क्षेत्रीय अध्यक्ष मनोज बुधौलिया, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष नौशाद खान, क्षेत्रीय महासचिव अनिल, नगर अध्यक्ष विकास कुशवाहा, जिला सचिव पवन गुप्ता, जिलाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ अनीता पांडे ने मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडे के माध्यम से ज्ञापन देते हुए जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिलाने की मांग की है। राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसान पहले ही परेशान था, लेकिन अब अचानक आई अतिवृष्टि ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। कई स्थानों पर खेतों में पानी जमा होने से फसल सड़ने लगी हैं। इस कारण किसान आर्थिक संकट में फंस गए हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फसलों की क्षति का शीघ्र सर्वे कराकर शत-प्रतिशत मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि जल्द जारी कराने की अपील भी की है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि बुंदेलखंड जैसे कृषि-प्रधान और पिछड़े क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से फसलों की तबाही ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है। यदि सरकार ने समय रहते राहत नहीं दी तो आने वाले सीजन में बुवाई प्रभावित हो सकती है। किसानों के सामने रोजगार और खाद्यान्न संकट खड़ा हो जाएगा। इसीलिए उन्हें आर्थिक मदद दी जाए।


