शिवपुरी जिला मुख्यालय पर मंगलवार को किसानों और राजस्व सर्वेयरों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दो ज्ञापन सौंपे। इन ज्ञापनों में शासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। पहले ज्ञापन में पिछोर तहसील के पडोरा, भडोरा, पुरैनी, शिवराज, शंकरपुर, रूपेपुर, शेरगढ़ और मजरा दुर्गापुर गांवों के किसानों ने नहर पाइपलाइन से वंचित किए जाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि क्षेत्र में नहर की पाइपलाइन डाली जानी थी, लेकिन एक अधिकारी और कुछ प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों के दबाव में उनके गांवों को इससे बाहर कर दिया गया। ग्रामीणों ने संगटा डैम के डूब क्षेत्र में आने वाले गरीब आदिवासी, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लोगों की पट्टशुदा भूमि का मुआवजा शीघ्र दिलाने की भी मांग की। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिन के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे भूख हड़ताल और आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। सर्वेयर्स ने नियमित रोजगार की मांग की
दूसरे ज्ञापन में लोकल यूथ (राजस्व सर्वेयरों) ने अपने भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जुलाई 2024 में शासन के आदेश पर एमपी भू-अभिलेख पोर्टल से ऑनलाइन नियुक्ति के बाद उन्हें फसल गिरदावरी, फॉर्मर आईडी, भू-स्वामी आरओआर ई-केवाईसी, फसल क्षति सर्वे, मुआवजा भुगतान में सहयोग और वर्तमान में चल रहे SIR कार्य जैसे महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे गए थे। इन सभी कार्यों को उन्होंने निर्धारित समय-सीमा में ईमानदारी से पूरा किया है। इसके बावजूद, हाल ही में कैबिनेट के एक निर्णय से कई कैडर समाप्त किए जाने की जानकारी सामने आई है, जिससे लोकल यूथ सर्वेयरों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। उन्होंने मांग की है कि उनका कैडर स्पष्ट किया जाए और उन्हें नियमित रोजगार सुनिश्चित किया जाए। लोकल यूथ सर्वेयरों की प्रमुख मांगों में उनके लिए स्पष्ट नियम तय करना, नियमित रोजगार और निश्चित सम्मानजनक मासिक मानदेय प्रदान करना शामिल है। वे नई अस्थायी नियुक्तियों की प्रथा बंद करने, नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड जारी करने की भी मांग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपनी मांगों को आगामी विधानसभा सत्र में पारित करने और एक राज्य स्तरीय महासम्मेलन आयोजित करने की अपील की है।


