आजादी के गदर आंदोलन की याद और गदर पार्टी की निडर योद्धा गुलाब कौर के शहादत शताब्दी वर्ष (1925-2025) को समर्पित तीन दिवसीय 34वां ‘मेला गदरी बाबेयां दा’ 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक देश भगत यादगार हाल, जालंधर में आयोजित किया जा रहा है। मेले के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े बुद्धिजीवी, साहित्यकार और लोकतांत्रिक अधिकारों के समर्थक शामिल होंगे। सांस्कृतिक झलकियां:देशभर से आए करीब 1,000 कलाकार गीत-संगीत, नाटक, कविता, चित्रकला और अन्य प्रस्तुतियों के जरिए गदर आंदोलन की भावना को जीवंत करेंगे। समिति की सांस्कृतिक इकाई की ओर से क्विज़, भाषण, गायन, पेंटिंग, नाटक, कवि दरबार, फिल्म प्रदर्शन, पुस्तक प्रदर्शनी और लंगर जैसी गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। कश्मीर के विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी,प्रभात पटनायक,डॉ. नवशरण कौर,स्वराज बीर सिंह होगे मुख्य वक्ता कश्मीर के विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, अर्थशास्त्री व नाटककार प्रभात पटनायक, लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. नवशरण कौर, तथा वरिष्ठ कवि, संपादक और रंगकर्मी स्वराज बीर सिंह प्रमुख वक्ता होंगे। मेले का उद्देश्य लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और आज के कॉरपोरेट वादी दौर की सच्चाई को उजागर करना है।1 नवंबर को तारिगामी और डॉ. नवशरण कौर लोकतांत्रिक अधिकारों पर बोलेंगे। 31 अक्टूबर को दोपहर सत्र में प्रभात पटनायक और स्वराज बीर ‘फासीवाद और कॉरपोरेट-करण’ पर अपने विचार रखेंगे। मेले में होगे महत्वपूर्ण विषय महत्वपूर्ण विषय:मेले में कॉरपोरेट और सांप्रदायिक हमलों, पलायन की पीड़ा, आदिवासियों और क्रांतिकारियों के नरसंहार, प्रवासी मजदूरों के खिलाफ प्रोपगेंडा, बेजमीनों की दुर्दशा, नशे की लहर और देश की संपत्ति की लूट जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। अंतिम दिन, ‘गदर आंदोलन की विरासत को याद करते हुए’ विषय पर गदरी बाबा ज्वाला सिंह हॉल में विचार गोष्ठी आयोजित होगी, जिसकी अध्यक्षता देश भगत यादगार कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह, महासचिव पृथीपाल सिंह मरिमेघा और सांस्कृतिक विंग संयोजक अमोलक सिंह करेंगे।


