पटना के जेपी गंगा पथ पर फैब्रिकेटेड दुकानों को व्यवस्थित करने का काम काफी तेजी से चल रहा है। इसे दीघा रोटरी से लेकर कुर्जी तक लगाया जा रहा है। पहले फेज में करीब 250 दुकानों का आवंटन किया जाएगा। इसके लिए लिस्ट तैयार की जा रही है। इससे पहले इन फैब्रिकेटेड दुकानों को पेंटिंग कर सजाया जा रहा है। इन दुकानों को बिहार की विरासतों से सजाया जा रहा है। सभ्यता द्वार, करगिल चौक, यक्षिणी की मूर्ति, गोलघर की आकृति इन दुकानों पर उकेरी जा रही है। वहीं, कहीं पर खाने-पीने से जुड़ी चीजों की तस्वीर बनाई जा रही है। खरमास के बाद इन दुकानों का आवंटन किया जा सकता है। जेपी गंगा पथ में तीन आकार की 500 दुकानें पटना के दीघा गोलंबर से एलसीटी घाट तक इन दुकानों को बनाया जा रहा है। सभी दुकान में बेसिन, स्लैब, एग्जॉस्ट फैन, लाइट, इलेक्ट्रिक बोर्ड और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन दुकानों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी पांच वर्षों तक रहेगी, जिसमें तीन साल की दोष दायित्व अवधि शामिल है। करीब 15.45 करोड़ रुपए की लागत से बन रही ये दुकानें शहर में नए व्यवसायिक अवसर लाएगी। जेपी गंगा पथ पर लगने वाली 500 दुकानों में विभिन्न आकार की प्रीफैब यूनिट्स शामिल होंगी। इसमें 100 दुकानों का आकार 10 फुट लंबा, 6 फुट चौड़ा और 10 फुट ऊंचा होगा। जबकि 100 और दुकानों का आकार 8 फुट लंबा, 6 फुट चौड़ा और 10 फुट ऊंचा होगा। इसके अलावा 300 दुकानों का आकार 6 फुट लंबा, 6 फुट चौड़ा और 10 फुट ऊंचा रहेगा। छह माह से लगी रही दुकानें, अबतक नहीं हुआ आवंटन गंगा पथ पर दुकानें लगाए जाने का काम जून महीने से चल रहा है, लेकिन अभी तक सभी प्रीफैब यूनिट्स नहीं लग पाई हैं। काम की धीमी रफ्तार से लोग परेशान हैं। इस बीच धोखाधड़ी की कुछ शिकायतें भी सामने आई थीं, जिसके बाद नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा लोगों को जागरूक किया गया। अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में लाइजनिंग का कार्य चल रहा है और एलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू होने में अभी थोड़ा समय लगेगा। पटना के जेपी गंगा पथ पर फैब्रिकेटेड दुकानों को व्यवस्थित करने का काम काफी तेजी से चल रहा है। इसे दीघा रोटरी से लेकर कुर्जी तक लगाया जा रहा है। पहले फेज में करीब 250 दुकानों का आवंटन किया जाएगा। इसके लिए लिस्ट तैयार की जा रही है। इससे पहले इन फैब्रिकेटेड दुकानों को पेंटिंग कर सजाया जा रहा है। इन दुकानों को बिहार की विरासतों से सजाया जा रहा है। सभ्यता द्वार, करगिल चौक, यक्षिणी की मूर्ति, गोलघर की आकृति इन दुकानों पर उकेरी जा रही है। वहीं, कहीं पर खाने-पीने से जुड़ी चीजों की तस्वीर बनाई जा रही है। खरमास के बाद इन दुकानों का आवंटन किया जा सकता है। जेपी गंगा पथ में तीन आकार की 500 दुकानें पटना के दीघा गोलंबर से एलसीटी घाट तक इन दुकानों को बनाया जा रहा है। सभी दुकान में बेसिन, स्लैब, एग्जॉस्ट फैन, लाइट, इलेक्ट्रिक बोर्ड और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन दुकानों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी पांच वर्षों तक रहेगी, जिसमें तीन साल की दोष दायित्व अवधि शामिल है। करीब 15.45 करोड़ रुपए की लागत से बन रही ये दुकानें शहर में नए व्यवसायिक अवसर लाएगी। जेपी गंगा पथ पर लगने वाली 500 दुकानों में विभिन्न आकार की प्रीफैब यूनिट्स शामिल होंगी। इसमें 100 दुकानों का आकार 10 फुट लंबा, 6 फुट चौड़ा और 10 फुट ऊंचा होगा। जबकि 100 और दुकानों का आकार 8 फुट लंबा, 6 फुट चौड़ा और 10 फुट ऊंचा होगा। इसके अलावा 300 दुकानों का आकार 6 फुट लंबा, 6 फुट चौड़ा और 10 फुट ऊंचा रहेगा। छह माह से लगी रही दुकानें, अबतक नहीं हुआ आवंटन गंगा पथ पर दुकानें लगाए जाने का काम जून महीने से चल रहा है, लेकिन अभी तक सभी प्रीफैब यूनिट्स नहीं लग पाई हैं। काम की धीमी रफ्तार से लोग परेशान हैं। इस बीच धोखाधड़ी की कुछ शिकायतें भी सामने आई थीं, जिसके बाद नगर निगम और स्मार्ट सिटी द्वारा लोगों को जागरूक किया गया। अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में लाइजनिंग का कार्य चल रहा है और एलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू होने में अभी थोड़ा समय लगेगा।


