इंदौर में एक ऐसा गार्डन है, जिसमें लोगों की एंट्री नहीं है। यहां केवल माली ही जा सकता है, वह भी पौधों को पानी डालने के लिए। गार्डन को खास तौर पर पक्षियों के लिए ही तैयार किया है, जिससे यहां विभिन्न प्रजाति के पक्षी आ सके। पक्षियों के भोजन के लिए 300 से ज्यादा फलदार हाईब्रिड पौधे लगाए हैं। पानी के लिए एक पौंड भी तैयार किया है। सत्यदेव नगर में तैयार गार्डन को पार्षद अभिषेक शर्मा बबलू ने जनसहयोग से बनवाया है। यहां जो पौधे लगे हैं उनकी कीमत 300 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक की है। पार्षद अभिषेक शर्मा ने बताया कि वार्ड के रहवासियों के साथ मिलकर एक गार्डन तैयार किया है। ये गार्डन 1 बीघा जमीन पर डेवलप किया है। हमने जनता के साथ मिलकर यह योजना तैयार की है। हमने सोचा कि क्यों ना इस जगह पर पक्षियों के लिए गार्डन तैयार किया जाए और इसमें सिर्फ फलदार पौधे ही लगाए जाए। वो फल भी केवल पक्षियों के लिए ही रहेंगे। जब हमने इस योजना के बारे में बताया तो सभी इसके लिए तैयार हो गए। 300 से ज्यादा फलदार हाईब्रिड पौधे लगाए है
गार्डन में 300 से ज्यादा फलदार हाईब्रिड पौधे लगाने का उद्देश्य यह था कि ये 2 साल में ही फल देने लगेंगे और गार्डन अच्छे से डेवलप हो जाएगा। गार्डन में अंजीर, आम, जाम, बोर, शहतूत सहित 30 विभिन्न किस्म के फलों के पौधे लगे हैं। उन पौधों का 100% सरवाइवल रेट है। आने वाले डेढ़ से दो साल में ये पौधे अपना पूरा स्वरूप ले लेंगे और फल देने लगेंगे। खास बात ये है कि इस गार्डन में पक्षियों का आना भी शुरू हो गया है। दो साल बाद यहां का नजारा देखने लायक होगा। हम तो भोजन कर लेते हैं, पक्षी कहां जाएंगे
अभिषेक शर्मा ने बताया कि हम तो अपना भोजन कर लेते हैं, लेकिन कई बार पक्षियों को भोजन के लिए परेशान होना पड़ता है। हमारा उद्देश्य यह है कि इन पक्षियों को भी आसानी से भोजन मिल सके और उन्हें भटकना ना पड़े। शहतूत के पेड़ पर पक्षियों को देख आया आइडिया
पार्षद बताते हैं कि उनके घर के सामने एक गार्डन है। जहां पर उन्होंने 20 साल पहले शहतूत का पौधा लगाया था। वक्त के साथ वह बढ़ता गया और उस पर शहतूत आने लगे। उस पेड़ पर एक कोयल आई। जिसके बाद कोयल की संख्या बढ़ती चली गई। अब जब भी शहतूत उस पेड़ पर आते है तो ये कोयले वहां पर आती हैं। उन्हें देख काफी अच्छा लगता है। उससे ये आइडिया आया कि क्यों ना इन पक्षियों के लिए एक गार्डन बनाया जाए। जब इस आइडिया के बारे में प्रमुख लोगों को बताया तो उन्हें भी ये आइडिया काफी पसंद आया। गार्डन के लिए लोग ही लेकर आए पौधे
पार्षद का कहना है कि गार्डन को तैयार करने में हमने जनता से ही सहयोग लिया है। नगर निगम से कोई पौधा नहीं लिया, यहां के लोग ही गार्डन के लिए पौधे लेकर आए। निगम का केवल इतना सहयोग है कि केवल वहां के माली ही गार्डन की देखरेख करते हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और उद्यान प्रभारी राजेंद्र राठौर को जब इसके बारे में बताया तो उन्हें भी ये कॉन्सेप्ट काफी पसंद आया। उनका भी सहयोग मिला है। गार्डन में एक कमल कुंड भी तैयार किया है। जिसमें मछलियां भी जानकारों के कहे अनुसार छोड़ी गई है, क्योंकि किंगफिशर पक्षी को वह मछलियां काफी पसंद आती है। कुछ दिन पहले ही यहां एक किंगफिशर पक्षी भी देखा गया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसका उद्घाटन किया था, उन्होंने शहर में अन्य जगह भी ऐसे गार्डन बनाने की घोषणा की थी।


