ऊर्जा मंत्री बोले- बिजली चोरी रोकने विद्युत थाने शुरू करेंगे:भोपाल में कहा- हमारी यह कोशिश होगी कि 2028 तक बिजली के रेट न बढ़े

ऊर्जा मंत्री बोले- बिजली चोरी रोकने विद्युत थाने शुरू करेंगे:भोपाल में कहा- हमारी यह कोशिश होगी कि 2028 तक बिजली के रेट न बढ़े

मध्यप्रदेश में बिजली व्यवस्था सुधार, बिजली चोरी पर नियंत्रण और किसानों को सस्ती व भरोसेमंद ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए सरकार एक साथ कई मोर्चों पर काम कर रही है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए विशेष पुलिसिंग व्यवस्था विकसित की जा रही है। किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए बड़े पैमाने पर सोलर पंप योजनाओं पर काम तेज किया है। मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना और कुसुम योजनाओं के तहत प्रदेश में सैकड़ों मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित की जा चुकी है। कुसुम-ए योजना में अब तक 603 अनुबंध, जबकि 957 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। कुसुम-सी योजना में भी 24 परियोजनाएं स्थापित हैं, जिनसे 136 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। बिजली कंपनियों में 50 हजार नियमित पदों पर भर्ती
बिजली कंपनियों में लंबे समय से भर्ती न होने से उपभोक्ता सेवाओं पर असर पड़ा था। इस स्थिति को सुधारने के लिए 50 हजार से अधिक नियमित पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई है। मंत्री ने कहा कि ये सभी भर्तियां रेगुलर होंगी, जिससे व्यवस्था में स्थायित्व आएगा। उपभोक्ताओं को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली
ऊर्जा मंत्री ने यह भी दोहराया कि मध्यप्रदेश में आज भी एक करोड़ 37 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 1 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मात्र 100 रुपए में दी जा रही है। किसानों को दी जाने वाली बिजली पर सरकार भारी सब्सिडी दे रही है एक रुपए की बिजली पर किसान से केवल 7 पैसे लिए जाते हैं। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता को फायदा
स्मार्ट मीटर को लेकर उठ रहे सवालों पर मंत्री ने कहा कि यह उपभोक्ताओं के हित में है। इससे खपत की निगरानी, सही बिलिंग और सस्ती सौर बिजली का लाभ सीधे उपभोक्ता तक पहुंच रहा है। सुबह 9 से शाम 5 बजे तक सस्ती बिजली का लाभ स्मार्ट मीटर के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है। झुग्गी बस्तियों में बिजली चोरी से वाणिज्यिक हानि
बिजली चोरी के सवाल पर मंत्री ने स्वीकार किया कि शहरी और झुग्गी क्षेत्रों में वाणिज्यिक हानि एक बड़ी चुनौती है। इसे रोकने के लिए सरकार बिजली थानों की स्थापना, तकनीकी निगरानी और जनजागरूकता अभियान चला रही है। ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि 2028 तक बिजली की दरें नहीं बढ़ने दी जाएंगी और आने वाले समय में मध्यप्रदेश ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। मंत्री ने इन सवालों के जवाब दिए… सवाल: मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का पिछले दो सालों में किसानों को लाभ मिला?
ऊर्जा मंत्री: सोलर पंप लगाने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। कुसुम-ए-योजना में हमने 603 अनुबंध किए हैं। 957 मेगावाट की स्थापित परियोजनाएं हैं। कुसुम सी में 24 स्थापित परियोजनाएं हैं। इनसे 136 मेगावाट बिजली मिलेगी। सवाल: जो भर्तियां हो रहीं हैं उनमें कितनी नियमित, कितनी आउटसोर्स और कितनी संविदा हैं?
ऊर्जा मंत्री: 50 हजार पूरी भर्तियां रेगुलर हैं। सवाल: बिजली चोरी रोकी है तो आम उपभोक्ता को 7 से 9 रुपए में क्यों यूनिट मिल रही है?
ऊर्जा मंत्री: नवकरणीय ऊर्जा से बिजली मिलना शुरू हुई है। बिजली कंपनियों का अधोसंरचना विकास हो रहा है। 2028 तक हमारी कोशिश है कि बिजली की कीमत न बढ़ने दें। मध्य प्रदेश ऐसा प्रदेश है जिसमें एक करोड़ 35 लाख उपभोक्ताओं में से एक करोड़ उपभोक्ताओं को लगभग 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी जा रही है। किसानों को यदि एक रुपए की बिजली की दी जाती है तो सिर्फ सात पैसे लिए जाते हैं। सवाल: स्मार्ट मीटर अच्छा है तो उसका विरोध क्यों हो रहा है? आपके गृह जिले और प्रभार के जिले में लोग इसके विरोध में रैलियां निकाल रहे हैं? स्मार्ट मीटर में किस टेलीकॉम का डेटा उपयोग कर रहे हैं उसका भुगतान कौन करेगा?
ऊर्जा मंत्री: जब कोई नई चीज शुरू होती है तो लोगों में उत्सुकता होती है। जानकारी जैसी लोगों को मिल जाए। जैसे दस लोगों ने कह दिया कि ये तकलीफ वाली बात है तो हमारी धारणा भी वैसी बनने लगती है। स्मार्ट मीटर एक घर पर लगने से उस घर में दिन में जितनी बिजली मिल रही है तो सौर ऊर्जा में प्रभार से छूट दे पा रहे हैं। यदि सामान्य मीटर लगा होगा तो हम वो गणना नहीं कर पाएंगे। बिजली की खपत की निगरानी स्मार्ट मीटर के एप से उपभोक्ता कर सकते हैं। जिस कंपनी ने टेंडर लिए हुए हैं उनका ही डाटा लिया जाएगा। सवाल: किसानों को 24 घंटे बिजली कब मिलेगी। उन्हें 5-6 घंटे बिजली मिल पा रही है?
ऊर्जा मंत्री: किसान को आने वाले दिनों में दिन में बिजली मिल सके इसलिए कुसुम बी योजना से 32 लाख किसानों को सोलर पंप देने वाले हैं। इसमें 90 प्रतिशत सब्सिडी होगी। जिसमें किसान बिजली का उपयोग खेत में भी कर सकेगा बिजली सेविंग करेगा तो बेच भी सकेगा। सवाल: कमलनाथ सरकार में बिजली बिल सौ डेढ़ सौ रुपए आता था इस सरकार में तीन साढे़ तीन हजार आता है दोनों सरकारों की पॉलिसी में अंतर बता दीजिए?
ऊर्जा मंत्री: आज भी एक करोड़ उपभोक्ताओं का बिल सौ रुपए आ रहा है, जो जितनी बिजली जलाएगा उतना बिल आएगा। सवाल: बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव है?
ऊर्जा मंत्री: बिजली दर बढ़ाने का काम सरकार नहीं करती। विद्युत वितरण कंपनियां अपनी बैलेंस शीट विद्युत नियामक आयोग को खर्चे के आधार पर भेजती हैं। सवाल: भोपाल की कई झुग्गी बस्तियों में खुलेआम बिजली चोरी हो रही है? इस पर कोई कार्रवाई करेंगे? 25 साल के लिए बिजली खरीदने के लिए अनुबंध किया था, हर साल एक हजार करोड़ रुपए देने पड़ते हैं, उसे कम करने कोई योजना है?
ऊर्जा मंत्री: वाणिज्यिक हानि को हम लगातार कम कर रहे हैं। कुछ झोपडियों में बीएचईएल बिजली सप्लाई दे रही है। इस हानि को रोकने के लिए हम थाने स्थापित कर रहे हैं। जनजागरण कर रहे हैं। पुराने अनुबंधों की बात है तो उस समय की मांग थी। उस अनुबंध का पालन करना हमारा दायित्व है। कई अनुबुंध निरस्त किए हैं। आज की मांग के अनुरूप कई अनुबंध आज हो रहे हैं।

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