एलन मस्क (Elon musk) ने फिर से भविष्य की झलक दिखाई है। उनका दावा है कि आने वाले 5-6 साल में हमारा स्मार्टफोन (Smartphone) सिर्फ एक “एज नोड” बनकर रह जाएगा। यानी एआई (AI) का एक छोटा सा टुकड़ा। एंड्रॉयड, आईओएस, ऐप स्टोर, अलग-अलग ऐप्स सब खत्म हो जाएंगे। सब कुछ एआई खुद सोचेगा, समझेगा और सीधे स्क्रीन पर पिक्सल बनाकर दिखा देगा। मस्क का कहना है कि ये बदलाव इतनी तेजी से आएगा कि आज का फोन कल का “डायनासोर” लगने लगेगा।
आने वाले समय में डायरेक्ट पिक्सल रेंडरिंग
मस्क के मुताबिक भविष्य का डिवाइस दिखने में तो फोन जैसा ही रहेगा, लेकिन अंदर से पूरी तरह बदल जाएगा। कोई ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं रहेगा। कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। आप बस बोलोगे “मूवी दिखाओ”, “फोटो एडिट करो”, “गेम खेलो” और एआई तुरंत स्क्रीन पर सब कुछ रेंडर कर देगा। मस्क ने इसे “डायरेक्ट पिक्सल रेंडरिंग” कहा है। मतलब एआई सीधे पिक्सल बनाएगा, बीच में कोई सॉफ्टवेयर लेयर नहीं।
इंटरनेट स्लो तो ताकतवर एआई चिप करेगी काम
मस्क ने सबसे बड़ा तकनीकी कारण भी बताया। “सारे 8 अरब लोगों के फोन पर 4के वीडियो क्लाउड से भेजना नामुमकिन है। बैंडविड्थ कभी काफी नहीं होगी।” प्लेन में, गांव में, मेट्रो में नेटवर्क गायब हो जाता है। इसलिए फोन में अभी भी बहुत ताकतवर एआई चिप रहेगी जो खुद ही ज्यादातर काम कर सके। यानी फोन “डंब टर्मिनल” नहीं बनेगा, बल्कि एआई का “एज नोड” बनेगा क्लाउड का छोटा भाई।
क्या है एज नोड्स डिवाइस
एज नोड्स हल्के डिवाइस हैं जो एआई इन्फरेंस के लिए ऑप्टिमाइज्ड होते हैं। ये स्टैंडअलोन हार्डवेयर की बजाय सर्वर-साइड एआई से कनेक्ट होकर काम करते हैं। मस्क ने कहा कि ये रेडियो मॉड्यूल्स के साथ वीडियो एनालिसिस संभालेंगे। एआई की AIz चिप्स इन्हें पावर देंगी।
2030 तक सब कुछ बदल जाएगा
मस्क का अनुमान है कि 5-6 सालों में स्मार्टफोन इतिहास बन जाएंगे। बैंडविड्थ लिमिटेशंस के कारण एज कंप्यूटिंग बढ़ेगी। ओपनएआई के सोरा जैसे मॉडल्स रीयल-टाइम वीडियो जनरेट करेंगे। टेस्ला के रोबोट्स में फोन फंक्शन्स इंटीग्रेट होंगे।
क्लाउड में होगा पूरा दिमाग
फोन हाथ में रहेगा, लेकिन प्रोसेसिंग क्लाउड पर होगी। डिवाइस यूजर की जरूरतें एंटिसिपेट कर कंटेंट डिस्प्ले करेगा। न्यूरालिंक जैसी टेक्नोलॉजी से इंटरफेस चेंज होगा। यह शिफ्ट डिजाइन और सॉफ्टवेयर को रीयल-टाइम पर्सनलाइजेशन देगा।
कंपनियों ने शुरू किए इनोवेशन
मस्क की विजन से मोबाइलओएस और ऐप्स खत्म हो जाएंगे। सैमसंग ने 100 मिलियन डिवाइस पर एआई फीचर्स लॉन्च किए। 2030 तक इनोवेशन में नए अवसर आएंगे, लेकिन सिक्योरिटी रिस्क्स बढ़ेंगे। xAI 12 बिलियन डॉलर फंडिंग से चैलेंजर्स को टक्कर देगी।
आने वाले 3 बड़े बदलाव
- ऐप स्टोर हो जाएगा म्यूजियम का सामान : 2030 तक प्ले स्टोर और एप स्टोर सिर्फ इतिहास की किताबों में मिलेंगे।
- फोन का प्रोसेसर बनेगा मिनी सुपरकंप्यूटर : सिर्फ एआई चलाने के लिए इतना पावरफुल चिप लगेगा कि आज का फ्लैगशिप भी फीका पड़ जाए।
- आपकी आवाज और आंखें बनेंगी नया कीबोर्ड : माउस- टच, टाइपिंग सब पुरानी बात- एआई आपकी आंखों की पुतली और आवाज से ही समझ जाएगा कि आप क्या चाहते हो।
- मस्क का ये बयान सपना नहीं हकीकत : बल्कि एक्स एआई और टेस्ला की असल दिशा है। तैयार हो जाइए आपका अगला फोन शायद आखिरी “ट्रेडिशनल” फोन होने वाला है।


