Electric Blanket Safety Tips: सर्दियों का मौसम अब ठीक-ठाक रंग जमा चुका है। भले ही अभी वो हाड़-कपाने वाली गलन न पड़ रही हो, लेकिन रातों का पारा अच्छा-खासा लुढ़कने लगा है। दिन तो धूप में निकल जाता है, पर असली आफत रात को सोने के समय है।
जैसे ही रजाई में घुसते हैं, बिस्तर की चादर इतनी ठंडी मिलती है कि एक बार तो शरीर सिहर उठता है। रजाई ओढ़ने के बाद भी वो गर्माहट आने में जो 10-15 मिनट लगते हैं, वो बड़े भारी गुजरते हैं। बस, इसी ठंडी चादर के झंझट से बचने के लिए लोग इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट (Electric Blanket) या हीटिंग पैड का सहारा लेते हैं, जो मिनटों में बिस्तर को गर्म कर देते हैं।
लेकिन रुकिए, यही सुकून कब मुसीबत बन जाए और आपकी जान पर बन आए, इसका पता भी नहीं चलता है।
हम आपको डरा नहीं रहे, बस जगा रहे हैं। क्योंकि हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां रजाई गर्म करने वाला ये गैजेट आग लगने या गंभीर हादसों का कारण बन गया।
Is Electric Blanket Safe: सुकून की नींद या मौत का कारण?
हमारा मकसद आपको डराना नहीं, बल्कि वक्त रहते जगाना है। हमें अक्सर लगता है कि ‘अरे, हमारे साथ ऐसा थोड़ी होगा’, लेकिन हकीकत यह है कि खतरा हमारे घर के भीतर ही मौजूद होता है। पिछले साल के कुछ आंकड़ों पर नजर डालें तो कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों से ऐसी दुखद घटनाएं सामने आई हैं, जहां रजाई गर्म करने वाला ये मामूली सा गैजेट शॉर्ट सर्किट की वजह से जानलेवा साबित हुआ है। जरा सी लापरवाही, और सुकून की नींद कब भयानक हादसे में बदल जाए, कोई नहीं जानता है।
Electric Blanket Side Effects: आखिर खतरा कहां है?
इसे आसान भाषा में समझिए। इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट कोई साधारण कंबल नहीं है। इसके फैब्रिक की परतों के बीच बिजली के पतले तारों का एक जाल होता है। जब इसमें करंट दौड़ता है, तो ये गर्म होते हैं।
हम में से ज्यादातर लोग गलती क्या करते हैं? हम ब्लैंकेट ऑन करते हैं, रजाई ओढ़ते हैं और उसी गर्माहट में सो जाते हैं। बस, यही सबसे बड़ी चूक है।
अगर ये पूरी रात ऑन रह गया, तो दो भयानक चीजें हो सकती हैं।
ओवरहीटिंग: आपके शरीर का तापमान इतना बढ़ सकता है कि आपको नींद में हीट स्ट्रोक आ जाए। सोचिए, आप गहरी नींद में हैं और आपका शरीर अंदर ही अंदर झुलस रहा है।
शॉर्ट सर्किट: अगर ब्लैंकेट पुराना है या तार कहीं से मुड़ गया है, तो बिस्तर में आग लगने में चंद सेकंड लगेंगे। रजाई और गद्दे फोम के होते हैं, जो पेट्रोल की तरह आग पकड़ते हैं।
Electric Blanket Use Karne Ka Sahi Tarika: सेफ रहने के लिए बदलें ये आदतें
सर्दी से बचना भी जरूरी है। इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट बुरा नहीं है, उसका गलत इस्तेमाल बुरा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बिस्तर गर्म भी रहे और आप सुरक्षित भी, तो आज रात से ही ये आदतें डाल लें।
सोने से पहले ऑफ करना है नियम: इसे अपना थंब-रूल बना लें। सोने से 20 मिनट पहले ब्लैंकेट ऑन करें। जब बिस्तर गर्म हो जाए, तो प्लग निकाल दें और फिर सोएं। इसे पूरी रात ऑन रखकर सोने की गलती बिल्कुल न करें।
इसे तोड़ें-मरोड़ें नहीं: हम भारतीयों की आदत होती है सुबह उठकर रजाई-कंबल को अच्छे से फोल्ड करके रखने की। इलेक्ट्रिक ब्लैंकेट के साथ ऐसा जुल्म न करें। इसे जोर से दबाकर या मोड़कर रखने से अंदर के तार टूट सकते हैं। जब अगली बार आप इसे चलाएंगे, तो वहीं से स्पार्किंग हो सकती है। इसे हल्का रोल करके रखें।
पानी से दुश्मनी: कई बार लोग बिस्तर पर बैठकर चाय-पानी पीते हैं। अगर गलती से लिक्विड ब्लैंकेट पर गिर गया, तो करंट पूरे बिस्तर में फैल सकता है। छोटे बच्चे या पालतू जानवर (Pets) हैं, तो और ज्यादा सतर्क रहें।
पुराना है तो रिस्क न लें: अगर आपका हीटिंग ब्लैंकेट 4-5 साल पुराना हो चुका है, या कहीं से तार घिस गया है, तो मोह न करें। उसे बदल दें। जान से महंगा कुछ नहीं है।
कुल मिलाकर, टेक्नोलॉजी हमारी मदद के लिए है, हमारी जान लेने के लिए नहीं। थोड़ी सी समझदारी दिखाएं। आज रात जब सोने जाएं, तो बिस्तर गर्म जरूर करें, लेकिन नींद के आगोश में जाने से पहले उस लाल बत्ती वाले स्विच को बंद करना न भूलें।


