Eggs cancer risk: हाल के दिनों में सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि अंडे खाने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इन खबरों से लोगों के बीच डर और भ्रम फैलने लगा। अब इस पूरे मामले पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत में बिकने वाले अंडे पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें कैंसर से जोड़ने वाले दावे बिना वैज्ञानिक आधार के और भ्रामक हैं।
विवाद की जड़ क्या है?
कुछ रिपोर्ट्स में यह बात कही गई कि अंडों में नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स (AOZ) नाम के रसायन पाए गए हैं। ये रसायन तब मिल सकते हैं जब पोल्ट्री में नाइट्रोफ्यूरान नाम की प्रतिबंधित एंटीबायोटिक का गलत इस्तेमाल किया जाए। इस पर FSSAI ने स्पष्ट किया कि भारत में पोल्ट्री और अंडा उत्पादन के किसी भी चरण में नाइट्रोफ्यूरान का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है।
क्या AOZ का मतलब कैंसर का खतरा है?
FSSAI के अनुसार, AOZ की बहुत ही सूक्ष्म मात्रा कभी-कभी आधुनिक जांच तकनीकों में ट्रेस लेवल पर पकड़ में आ सकती है। इसके लिए जो 1.0 माइक्रोग्राम प्रति किलो (EMRL) सीमा तय की गई है, वह सिर्फ जांच और निगरानी के लिए है, न कि कोई सुरक्षित सेवन सीमा। सरल शब्दों में कहें तो, EMRL कोई खतरे की सीमा नहीं है। इससे नीचे मिली मात्रा से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है।
दुनिया क्या कहती है?
FSSAI ने बताया कि भारत के नियम यूरोपियन यूनियन (EU) और अमेरिका (US) जैसे देशों के नियमों के अनुरूप हैं। इन देशों में भी नाइट्रोफ्यूरान पर प्रतिबंध है और जो संख्यात्मक सीमाएं हैं, वे कानूनी निगरानी के लिए होती हैं, न कि इसलिए कि उतनी मात्रा खतरनाक है। अब तक दुनिया की किसी भी स्वास्थ्य एजेंसी ने यह नहीं कहा है कि अंडों में पाई जाने वाली सूक्ष्म मात्रा के कारण कैंसर का सीधा खतरा होता है।
किसी खास ब्रांड का मामला?
FSSAI ने यह भी साफ किया कि अगर किसी रिपोर्ट में किसी एक ब्रांड या बैच की बात सामने आई है, तो वह अलग-थलग और अस्थायी मामला हो सकता है। यह अक्सर फीड में मिलावट या अनजाने में हुई गड़बड़ी की वजह से होता है और इससे पूरे अंडा उद्योग को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
हेल्थ के लिहाज से अंडे कितने सुरक्षित?
FSSAI ने दोहराया कि अंडे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं और संतुलित आहार का अहम हिस्सा हैं। जब अंडे खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत पैदा और इस्तेमाल किए जाते हैं, तो वे पूरी तरह सुरक्षित और सेहतमंद होते हैं।


