मुंगेर में बांग्लादेश PM का पुतला फूंका:विहिप-बजरंग दल ने हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में जताया आक्रोश

मुंगेर में बांग्लादेश PM का पुतला फूंका:विहिप-बजरंग दल ने हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में जताया आक्रोश

मुंगेर में मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अमानवीय अत्याचार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मो. यूनुस मुहम्मद का पुतला दहन कर विरोध जताया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सह मंत्री दिलीप चौधरी ने की। प्रदर्शन के तहत पहले एक विरोध मार्च निकाला गया, जो पीपल पांती रोड स्थित झारखंडी नाथ महादेव मंदिर से शुरू हुआ। यह मार्च शहर के प्रमुख मार्गों भगत सिंह चौक, बेकापुर, बाजा पट्टी, गांधी चौक और मुख्य बाजार से गुजरते हुए राजीव गांधी चौक पहुंचा। यहां पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मो. यूनुस मुहम्मद का पुतला जलाया और नारेबाजी करते हुए आक्रोश प्रकट किया। जूता-चप्पल से पुतले को पीटकर जताया आक्रोश पुतला दहन के दौरान प्रदर्शनकारियों का आक्रोश साफ नजर आया। विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुतले पर जूता-चप्पल से प्रहार कर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारे लगाए। पूरे इलाके में कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा, हालांकि पुलिस बल की मौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण में रही। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का आरोप इस मौके पर मौजूद विहिप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस्लामी जिहादी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और उनका निशाना वहां का हिंदू समाज बन रहा है। विहिप नेताओं के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, महिलाओं, संपत्तियों, शासकीय कर्मचारियों और पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। उनका दावा है कि हिंदू प्रताड़ना की घटनाएं वहां लगभग हर सप्ताह सामने आ रही हैं। दीपू दास की घटना को बताया मानवता को शर्मसार करने वाला प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने मानसिंह जिले के भालुका क्षेत्र में हुई एक घटना का विशेष रूप से उल्लेख किया। विहिप के अनुसार, एक सामान्य हिंदू श्रमिक दीपू दास पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया। संगठन के नेताओं ने कहा कि एक अनौपचारिक बातचीत में दीपू दास ने केवल यह कहा था कि ईश्वर एक है और उसके अलग-अलग नाम हो सकते हैं। उनके अनुसार, इस बातचीत में न तो कुरान, न इस्लाम और न ही अल्लाह के बारे में कोई आपत्तिजनक टिप्पणी थी। बावजूद इसके, जिहादी तत्वों ने इसे मनमाने ढंग से ईशनिंदा का रूप देकर दीपू दास को प्रताड़ित किया। विहिप का आरोप है कि इसके बाद उग्र भीड़ ने दीपू दास के साथ बर्बरता की और कथित रूप से उसे पीट-पीट कर पेड़ से लटकाकर जला दिया गया। संगठन का दावा है कि इस पूरी घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए, जिससे पूरे हिंदू समाज में रोष है। प्रशासन पर भी लगाए गंभीर आरोप विहिप नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पूरा घटनाक्रम बांग्लादेश पुलिस प्रशासन की आंखों के सामने हुआ, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। संगठन का कहना है कि बांग्लादेश का प्रशासन और समाज इस तरह की हिंसक घटनाओं पर मौन साधे हुए है, जिससे जिहादी तत्वों का मनोबल बढ़ रहा है। वक्ताओं ने कहा कि अल्पसंख्यकों के मानवीय अधिकारों का इस तरह खुलेआम हनन किसी भी सभ्य समाज में मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध है। कड़ी कार्रवाई और सुरक्षित माहौल की मांग प्रदर्शन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि बांग्लादेश में हो रही कथित बर्बर जिहादी हिंसा की कड़ी निंदा की जाए। हिंदू विरोधी हिंसा पर तत्काल रोक लगे। दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए भय और शोषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित किया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर यह प्रदर्शन किया। कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता रहे शामिल इस प्रदर्शन में विहिप-बजरंग दल के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे। इनमेंविभाग मंत्री प्राणनाथ भारत,जिला सह मंत्री संतोष कुमार कुशवाहा,जिला धर्माचार्य संपर्क प्रमुख सुबोध शर्मा,नगर उपाध्यक्ष चंद्रशेखर,शिवम कुमार,कन्हैया पोद्दार,रवि,मुकेश,आशुतोष,राजासहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम की जानकारी विश्व हिंदू परिषद के जिला सह मंत्री दिलीप चौधरी ने दी। उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। मुंगेर में मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अमानवीय अत्याचार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मो. यूनुस मुहम्मद का पुतला दहन कर विरोध जताया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सह मंत्री दिलीप चौधरी ने की। प्रदर्शन के तहत पहले एक विरोध मार्च निकाला गया, जो पीपल पांती रोड स्थित झारखंडी नाथ महादेव मंदिर से शुरू हुआ। यह मार्च शहर के प्रमुख मार्गों भगत सिंह चौक, बेकापुर, बाजा पट्टी, गांधी चौक और मुख्य बाजार से गुजरते हुए राजीव गांधी चौक पहुंचा। यहां पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मो. यूनुस मुहम्मद का पुतला जलाया और नारेबाजी करते हुए आक्रोश प्रकट किया। जूता-चप्पल से पुतले को पीटकर जताया आक्रोश पुतला दहन के दौरान प्रदर्शनकारियों का आक्रोश साफ नजर आया। विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुतले पर जूता-चप्पल से प्रहार कर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारे लगाए। पूरे इलाके में कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा, हालांकि पुलिस बल की मौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण में रही। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का आरोप इस मौके पर मौजूद विहिप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस्लामी जिहादी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और उनका निशाना वहां का हिंदू समाज बन रहा है। विहिप नेताओं के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, महिलाओं, संपत्तियों, शासकीय कर्मचारियों और पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। उनका दावा है कि हिंदू प्रताड़ना की घटनाएं वहां लगभग हर सप्ताह सामने आ रही हैं। दीपू दास की घटना को बताया मानवता को शर्मसार करने वाला प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने मानसिंह जिले के भालुका क्षेत्र में हुई एक घटना का विशेष रूप से उल्लेख किया। विहिप के अनुसार, एक सामान्य हिंदू श्रमिक दीपू दास पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया। संगठन के नेताओं ने कहा कि एक अनौपचारिक बातचीत में दीपू दास ने केवल यह कहा था कि ईश्वर एक है और उसके अलग-अलग नाम हो सकते हैं। उनके अनुसार, इस बातचीत में न तो कुरान, न इस्लाम और न ही अल्लाह के बारे में कोई आपत्तिजनक टिप्पणी थी। बावजूद इसके, जिहादी तत्वों ने इसे मनमाने ढंग से ईशनिंदा का रूप देकर दीपू दास को प्रताड़ित किया। विहिप का आरोप है कि इसके बाद उग्र भीड़ ने दीपू दास के साथ बर्बरता की और कथित रूप से उसे पीट-पीट कर पेड़ से लटकाकर जला दिया गया। संगठन का दावा है कि इस पूरी घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए, जिससे पूरे हिंदू समाज में रोष है। प्रशासन पर भी लगाए गंभीर आरोप विहिप नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पूरा घटनाक्रम बांग्लादेश पुलिस प्रशासन की आंखों के सामने हुआ, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। संगठन का कहना है कि बांग्लादेश का प्रशासन और समाज इस तरह की हिंसक घटनाओं पर मौन साधे हुए है, जिससे जिहादी तत्वों का मनोबल बढ़ रहा है। वक्ताओं ने कहा कि अल्पसंख्यकों के मानवीय अधिकारों का इस तरह खुलेआम हनन किसी भी सभ्य समाज में मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध है। कड़ी कार्रवाई और सुरक्षित माहौल की मांग प्रदर्शन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि बांग्लादेश में हो रही कथित बर्बर जिहादी हिंसा की कड़ी निंदा की जाए। हिंदू विरोधी हिंसा पर तत्काल रोक लगे। दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए भय और शोषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित किया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर यह प्रदर्शन किया। कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता रहे शामिल इस प्रदर्शन में विहिप-बजरंग दल के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे। इनमेंविभाग मंत्री प्राणनाथ भारत,जिला सह मंत्री संतोष कुमार कुशवाहा,जिला धर्माचार्य संपर्क प्रमुख सुबोध शर्मा,नगर उपाध्यक्ष चंद्रशेखर,शिवम कुमार,कन्हैया पोद्दार,रवि,मुकेश,आशुतोष,राजासहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम की जानकारी विश्व हिंदू परिषद के जिला सह मंत्री दिलीप चौधरी ने दी। उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।  

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