ग्राम पंचायत धनुआ सागर का मामला, मजदूरों ने जताया विरोध
डिंडौरी. पंचायतों में मजदूरी के बाद मजदूरों को भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत धनुआ सागर में भी मजदूर पिछले छह माह से मजदूरी भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अप्रैल माह में सडक़ निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों को आज तक मजदूरी नहीं मिली। दीपावली से पहले भुगतान का भरोसा दिया गया था, लेकिन त्योहार बीत जाने के बाद भी मजदूरों के हाथ खाली हैं। इससे परेशान मजदूर गुरुवार को जनपद पंचायत कार्यालय पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया। मजदूरों के विरोध प्रदर्शन के बाद अधिकारियों के सामने पंचायत सचिव ने उन्हें नकद भुगतान का आश्वासन देकर वापस भेज दिया। मजदूर कोमल दास और ऊषा बाई ने बताया कि उन्होंने लाखों गांव में संजीव बैगा के घर से सीसी सडक़ तक करीब 150 मीटर सडक़ निर्माण किया था। पंचायत की ओर से दीपावली से पहले मजदूरी देने की बात कही गई थी, लेकिन भुगतान रोक दिया गया।
सचिव व रोजगार सहायक ने अपने पास रख ली है मजदूरी की राशि
सचिव राकेश परस्ते का कहना है कि सरपंच को धारा 40 के तहत हटा दिया गया था, इसलिए वे कार्यवाहक सरपंच के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मजदूरों के वेंडर खाते न बन पाने और डिजिटल हस्ताक्षर में विलंब होने के कारण राशि सप्लायर के खाते में भेजी गई थी। नकद भुगतान की जिम्मेदारी रोजगार सहायक को दी गई थी। सचिव ने यह भी आरोप लगाया कि रोजगार सहायक ने मजदूरी की राशि अपने पास रख ली है और वही अब भुगतान करेगा। मामले की जानकारी होने के बाद जनपद पंचायत सीईओ प्रमोद ओझा ने तत्काल मजदूरों का भुगतान कराया और लापरवाही बरतने पर पंचायत कर्मचारियों को फटकार लगाई।
सप्लायर को भेजी मजदूरी की राशि
मामले को लेकर पूर्व सरपंच अशोक धुर्वे ने गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कार्यवाहक सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ने मिलीभगत कर मजदूरों के भुगतान से पहले ही मटेरियल सप्लायर को पूरी राशि दे दी। वही डिंडौरी की दो फर्म को भी भुगतान किया गया है। जानकारी के अनुसार सडक़ निर्माण कार्य के लिए 1,24,800 की मजदूरी तय की गई थी, जो पांचवें वित्त आयोग की निधि से बनी सडक़ के लिए स्वीकृत की गई थी। यह राशि सीधे सप्लायर के खाते में ट्रांसफर कर दी गई, जबकि मजदूर अब तक भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इनका कहना है
आज कुछ मजदूर आए हुए थे जैसे ही मुझे पता चला कि उनका भुगतान नहीं किया गया है। तत्काल मजदूरों को भुगतान करवाया गया।
प्रमोद ओझा, सीईओ जनपद पंचायत


