रूस से अलवर के लक्ष्मणगढ़ के कफनवाड़ा गांव के MBBS छात्र अजीत चौधरी का 8 दिन बाद भी शव भारत नहीं आने से परिवार में रोष है। जिसके विरोध में गुरुवार को लक्ष्मणगढ़ कस्बा व स्कूल कॉलेज बंद का आह्वान है। बुधवार को अजीत के परिजन व ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर चेताया कि छात्र के परिजन कैसे बर्दाश्त करेंगे। उनकी मां की तबीयत बहुत नाजुक हो गई है। 8 दिन से बेटे का शव भारत नहीं लाया गया। पहले 19 दिन तक शव नहीं मिला था। शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। दूतावास के अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। दो दिन पहले छात्र के चाचा की अपील, फिर SDM को ज्ञापन दो दिन पहले छात्र अजीत के चाचा राजेंद्र चौधरी ने सर्व समाज से विनम्र अपील की थी कि लक्ष्मणगढ़ के कफनवाड़ा गांव के हमारे बेटे MBBS छात्र अजीत चौधरी का शव रूस में मिलने के बाद भी भारत सरकार उसे नहीं ला सकी। हालांकि नोर्थ अमेरिका राजस्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने बताया कि छात्र का शव इंडियन वेलफेयर फंड से लाने पर सहमति हो गई है। लेकिन अब तक पोस्टमार्टम नहीं कराने पर दूतावास के अधिकारियाें के प्रति नाराजगी जताई है। छात्र के चाचा राजेंद्र चौधरी ने हाथ जोड़कर निवेदन है कि धरना प्रदर्शन में शामिल होकर हमारी मदद करें। यह बात रूस में MBBS करने गए छात्र अजीत चौधरी के चाचा राजेंद्र चौधरी ने कही। उनका कहना है कि 8 दिन पहले रूस में अजीत चौघरी का शव मिल चुका है। लेकिन अब तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। पोस्टमार्टम नहीं कराने का कारण समझ नहीं आया। इसलिए मजबूरी में एसडीएम को ज्ञापन बंद का आह्वान करना पड़ा। ताकि हमारे बेटे के शव को लाया जा सके। प्रेम भंडारी शव लाने में मदद कर रहे मृतक छात्र के चाचा राजेंद्र ने बताया कि अमेरिका में रह रहे प्रेम भंडारी बेटे के शव को लाने में पूरी मदद करने में लगे हैं। वे लगातार दूतावास के अधिकारियों से बात करने में लगे हैं। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं किया गया कि पोस्टमार्टम करने में इतना समय क्यों लिया जा रहा है। भंडारी का कहना है छात्र के परिजनों को हत्या की आशंका है। वे बिना पोस्टमार्टम भी छात्र का शव लेने को तैयार हैं। फिर भी उनकी कोई नहीं सुन रहा है। 19 अक्टूबर को लापता हुआ था अजीत अलवर के कफनवाड़ा गांव के रहने वाला रूपसिंह चौधरी का बेटा अजीत चौधरी रूस के ऊफा शहर में बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (Bashkir State Medical University) से साल 2023 में MBBS की पढ़ाई करने गया था। वह थर्ड ईयर का स्टूडेंट था। 19 अक्टूबर को अजीत लापता हो गया था। वहीं 20 अक्टूबर को रूस में कॉलेज कैंपस से करीब 3 किलोमीटर दूर नदी के किनारे उसके कपड़े मिले थे। 6 नवंबर को शव मिला, 12 नवंबर तक पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं? 6 नवंबर को बांध में शव मिला था। छात्र अजीत चौधरी के शव की पहचान यूनिवर्सिटी के दूसरे छात्रों ने की थी। इसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराकर भारत लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इधर, परिवार के लोगों का आशंका है कि अजीत का मर्डर हुआ है। उसे एक छात्र ने धमकी भी दी थी, जिसका हथियारों के साथ एक फोटो भी सामने आया था। अब पोस्टमॉर्टम नहीं कराने के पीछे का कारण समझ से परे हैं। जिसके चलते परिवार का मानना है कि जानबूझकर पोस्टमॉर्टम में देरी की जा रही है। ताकि सबूत मिटाए जा सकें।


