सुपौल के निर्मली स्थित कन्या मध्य विद्यालय में शनिवार की सुबह शिक्षा व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई। तय समय पर विद्यालय खुलने के बजाय सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक स्कूल का मेन गेट बंद रहा। इस दौरान विद्यालय के बाहर मेन रोड पर शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं ताला खुलने का इंतजार करते रहे। अभिभावकों ने लगाया आरोप कहा- एमडीएम की व्यवस्था ठीक नहीं स्कूल देरी से खुलने की जानकारी मिलते ही अभिभावकों में आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रधान शिक्षक बद्री नारायण वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय में मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को गुणवत्ताहीन एमडीएम दिया जाता है, जिसके कारण विद्यार्थी विद्यालय में भोजन करने से कतराते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से विद्यालय में व्यवस्थाओं की जांच की मांग की है। प्रधान शिक्षक बोले- चाबी गलती से घर पर रह गई थी इस संबंध में प्रधान शिक्षक बद्री नारायण वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि चाबी गलती से घर पर रह गई थी, जिसके कारण स्कूल खुलने में थोड़ी देरी हुई। सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर विद्यालय खोल दिया गया। घटना की जानकारी मिलने पर डीएम सावन कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिले के सभी विद्यालयों में समय पालन और एमडीएम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। प्रशासनिक सख्ती के बाद जिले के अन्य स्कूलों में भी समय पर उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण मध्यान्ह भोजन व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। सुपौल के निर्मली स्थित कन्या मध्य विद्यालय में शनिवार की सुबह शिक्षा व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई। तय समय पर विद्यालय खुलने के बजाय सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक स्कूल का मेन गेट बंद रहा। इस दौरान विद्यालय के बाहर मेन रोड पर शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं ताला खुलने का इंतजार करते रहे। अभिभावकों ने लगाया आरोप कहा- एमडीएम की व्यवस्था ठीक नहीं स्कूल देरी से खुलने की जानकारी मिलते ही अभिभावकों में आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रधान शिक्षक बद्री नारायण वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय में मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को गुणवत्ताहीन एमडीएम दिया जाता है, जिसके कारण विद्यार्थी विद्यालय में भोजन करने से कतराते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से विद्यालय में व्यवस्थाओं की जांच की मांग की है। प्रधान शिक्षक बोले- चाबी गलती से घर पर रह गई थी इस संबंध में प्रधान शिक्षक बद्री नारायण वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि चाबी गलती से घर पर रह गई थी, जिसके कारण स्कूल खुलने में थोड़ी देरी हुई। सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर विद्यालय खोल दिया गया। घटना की जानकारी मिलने पर डीएम सावन कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिले के सभी विद्यालयों में समय पालन और एमडीएम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। प्रशासनिक सख्ती के बाद जिले के अन्य स्कूलों में भी समय पर उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण मध्यान्ह भोजन व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ गई है।


