KGMU में लव जिहाद के आरोपी जूनियर डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक उर्फ रमीज मालिक के मददगारों की जांच के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी ने नई जांच टीम का गठन कर दिया है। इस घटना के सामने के बाद से ही आरोपी के बचाव में कैंपस में एक सिंडिकेट के एक्टिव होने की बात कही जा रही है। इसकी सच्चाई जानने के लिए नई जांच टीम बनी है। टीम जांच करके कुलपति को अपना रिपोर्ट सौंपेगी। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (NMO) जैसे संगठन इसको लेकर मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस बीच आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में अब तेजी आती दिख रही है। शुक्रवार को चौक पुलिस पीड़ित डॉक्टर का मजिस्ट्रियल बयान दर्ज करा सकती है। आरोपी डॉक्टर रमीज फरार है। पिता के साथ पीड़िता को रहने की अनुमति मिली दूसरी तरफ पीड़ित लेडी डॉक्टर को हॉस्टल आवंटन करने के बाद गुरुवार को सुबह से ही उसका कैंपस में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इंतजार किया गया। काफी देर तक उसके न आने पर उससे संपर्क किया गया। बाद में पीड़िता ने अपने पिता के साथ रहने की बात कही। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से उसे कैंपस में पिता के साथ शिफ्ट होने का भी ऑफर दिया गया। कुलपति ने जांच शुरू करने की दी मंजूरी KGMU प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि पैथोलॉजी विभाग के कुछ फैकल्टी मेंबर्स पर कई संगीन आरोप लगाए गए है। इन आरोपों की सत्यता परखना बेहद जरूरी है। इन पर आरोपी डॉक्टर के पक्ष और पीड़िता को विरोध में लॉबिंग करने का आरोप है। एक वर्ग विशेष के लोगों को प्रमोट करने के साथ उनको तवज्जो देने की बात भी कही गई है। कुलपति द्वारा इस घटनाक्रम को बेहद संवेदनशीलता के साथ लिया गया है। और आरोपी फैकल्टी मेंबर्स के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। अब पढ़िए NMO ने जो आरोप लगाए थे… NMO का आरोप रोहिंग्या को दी नौकरी NMO ने मंगलवार को KGMU में प्रदर्शन किया था। कैंडल मार्च निकाला था। NMO का आरोप है कि बायो मेडिकल वेस्ट विभाग में बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं को संविदा पर काम दिया गया है। ऐसे में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट विभाग की जांच कराई जाए। यदि वास्तव में वहां रोहिंग्याओं को नौकरी दिया गया है, तो उन्हें चिह्नित करके निकाला जाए। जिन लोगों ने इन्हें नौकरी पर रखने के लिए एजेंसियों पर दबाव बनाया था, उन पर भी कार्रवाई हो। दुराचारी का साथ देने वालों की पहचान की जाए NMO ने आरोपी डॉ. रमीज की डिग्री रद्द करने के लिए NMC से संस्तुति करने की मांग की है। कहा है कि KGMU उसका NEET पीजी का दाखिला रद्द करने की सिफारिश भी करे। NMO पदाधिकारियों की ये भी मांग की है कि पैथोलॉजी विभाग के उन फैकल्टी मेंबर्स की पहचान की जाए, जो शुरुआत में इस मामले में पीड़ित के बजाय आरोपी का साथ दे रहे थे। इन डॉक्टरों की निष्ठा की जांच होनी चाहिए। अब पढ़िए पूरा मामला… पीड़ित महिला डॉक्टर ने सुसाइड की कोशिश की तब सामने आया मामला पीड़ित महिला डॉक्टर KGMU से एमडी पैथालॉजी की पढ़ाई कर रही है। 17 दिसंबर को उसने दवा की ओवरडोज लेकर सुसाइड की कोशिश की। उसे गंभीर हालत में KGMU ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। 19 दिसंबर को उसे डिस्चार्ज किया गया। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि KGMU से एमडी पैथालॉजी की पढ़ाई कर रहे डॉ. रमीज ने बेटी को लव जिहाद में फंसाया। उस पर शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया। जबकि, वह पहले से शादीशुदा है। फरवरी में वह हिंदू लड़की का धर्मांतरण कराकर उससे शादी कर चुका है। मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग में शिकायत की पीड़ित के पिता ने मामले की राज्य महिला आयोग और मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी। इसके बाद 22 दिसंबर को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने पीड़ित के साथ प्रेस वार्ता करके कार्रवाई का आश्वासन दिया। 24 दिसंबर को विशाखा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद KGMU प्रशासन ने डॉ. रमीज को सस्पेंड करके परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दिया। आरोपी के खिलाफ के FIR भी दर्ज हो गई। ————— संबंधित खबर भी पढ़िए… धर्मांतरण का आरोपी डॉक्टर लखनऊ से फरार:यूपी पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से साधा संपर्क, MBBS बैचमेट से शादी के मिले साक्ष्य किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में धर्मांतरण का आरोपी डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक उर्फ रमीज फरार हो गया है। यूपी पुलिस उसे खोज रही है। उत्तराखंड पुलिस से भी संपर्क साधा गया है। उधर, यूनिवर्सिटी की सेक्सुअल हैरेसमेंट जांच टीम भी उससे 2 दिन से संपर्क करने की कोशिश कर रही है लेकिन वह सामने नहीं आया। पूरी खबर पढ़ें


