लाइव सर्जरी और प्रेजेंटेशन से चिकित्सक हुए प्रशिक्षित:16 पीजी डॉक्टरों को किया सस्मानित, बिहार-झारखंड ईएनटी विशेषज्ञों का वार्षिक शैक्षणिक सम्मेलन समाप्त

लाइव सर्जरी और प्रेजेंटेशन से चिकित्सक हुए प्रशिक्षित:16 पीजी डॉक्टरों को किया सस्मानित, बिहार-झारखंड ईएनटी विशेषज्ञों का वार्षिक शैक्षणिक सम्मेलन समाप्त

दरभंगा में आयोजित बिहार-झारखंड ईएनटी विशेषज्ञों का वार्षिक शैक्षणिक सम्मेलन बीजेएओआइसीओएन 2025 रविवार को शानदार तरीके से देर शाम को संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन में देशभर के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन, विशेषज्ञ चिकित्सक, वैज्ञानिक और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के पोस्टग्रेजुएट छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस सम्मेलन को राज्य में ईएनटी चिकित्सा सेवाओं के लिए मील का पत्थर बताया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान कान, नाक और गला से जुड़ी आधुनिक सर्जरी पद्धतियों पर विस्तृत तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने एंडोस्कोपिक सर्जरी, साइनस सर्जरी, कोक्लियर इंप्लांट, वॉयस डिसऑर्डर, हेड-नेक कैंसर, अल्ट्रा मॉडर्न हियरिंग टेक्नोलॉजी और कई जटिल प्रक्रियाओं पर लाइव सर्जरी एवं प्रेजेंटेशन के माध्यम से चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया। सम्मेलन में आए युवा चिकित्सकों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनकी विशेषज्ञों द्वारा खूब सराहना की गई। शोध कार्यों के बेहतर प्रदर्शन और नवाचारों को ध्यान में रखते हुए कुल 16 पीजी डॉक्टरों को पेपर व पोस्टर प्रेजेंटेशन के लिए सम्मानित किया गया। डॉक्टर एक-दूसरे से सीखकर इलाज को बेहतर बनाते हैं सम्मेलन के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बीजेएओआइसीओएन का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों को नई तकनीक, नई रिसर्च और आधुनिक ऑपरेशन पद्धतियों से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “हर नई तकनीक और हर नई सीख का सीधा लाभ मरीजों को मिलता है। डॉक्टर एक-दूसरे से सीखकर, अनुभव साझा कर इलाज को बेहतर बनाते हैं। तीन दिनों में लगभग 500 चिकित्सक देश के विभिन्न शहरों दिल्ली, कोलकाता, चंडीगढ़, गुजरात, बेंगलुरु, पुणे सहित बिहार-झारखंड से आए। 10 साल बाद दरभंगा में यह आयोजन हुआ और सभी मेहमानों का मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग चादर, माला और मखाना देकर स्वागत किया गया। अगले वर्ष के सम्मेलन को लेकर रूपरेखा तय की गई ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. रिजवान अहमद ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि “इस तरह के बड़े सम्मेलन से डॉक्टरों को सीखने का अवसर यहीं मिल जाता है। पहले जो तकनीक और प्रशिक्षण के लिए बाहर जाना पड़ता था या मरीजों को बड़े शहरों में रेफर करना पड़ता था, अब वह सुविधाएं और विशेषज्ञता स्थानीय स्तर पर भी उपलब्ध हो रही है। सम्मेलन से पूरे बिहार-झारखंड के मरीजों और डॉक्टरों को लाभ मिलेगा। आयोजकों ने बताया कि इस आयोजन ने बिहार-झारखंड में ईएनटी सेवाओं को नई ऊंचाइयां देने का काम किया है। अंतिम दिन समापन समारोह में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया गया और अगले वर्ष के सम्मेलन को लेकर भी रूपरेखा तय की गई। दरभंगा में आयोजित बिहार-झारखंड ईएनटी विशेषज्ञों का वार्षिक शैक्षणिक सम्मेलन बीजेएओआइसीओएन 2025 रविवार को शानदार तरीके से देर शाम को संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन में देशभर के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन, विशेषज्ञ चिकित्सक, वैज्ञानिक और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के पोस्टग्रेजुएट छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस सम्मेलन को राज्य में ईएनटी चिकित्सा सेवाओं के लिए मील का पत्थर बताया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान कान, नाक और गला से जुड़ी आधुनिक सर्जरी पद्धतियों पर विस्तृत तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने एंडोस्कोपिक सर्जरी, साइनस सर्जरी, कोक्लियर इंप्लांट, वॉयस डिसऑर्डर, हेड-नेक कैंसर, अल्ट्रा मॉडर्न हियरिंग टेक्नोलॉजी और कई जटिल प्रक्रियाओं पर लाइव सर्जरी एवं प्रेजेंटेशन के माध्यम से चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया। सम्मेलन में आए युवा चिकित्सकों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनकी विशेषज्ञों द्वारा खूब सराहना की गई। शोध कार्यों के बेहतर प्रदर्शन और नवाचारों को ध्यान में रखते हुए कुल 16 पीजी डॉक्टरों को पेपर व पोस्टर प्रेजेंटेशन के लिए सम्मानित किया गया। डॉक्टर एक-दूसरे से सीखकर इलाज को बेहतर बनाते हैं सम्मेलन के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बीजेएओआइसीओएन का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों को नई तकनीक, नई रिसर्च और आधुनिक ऑपरेशन पद्धतियों से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “हर नई तकनीक और हर नई सीख का सीधा लाभ मरीजों को मिलता है। डॉक्टर एक-दूसरे से सीखकर, अनुभव साझा कर इलाज को बेहतर बनाते हैं। तीन दिनों में लगभग 500 चिकित्सक देश के विभिन्न शहरों दिल्ली, कोलकाता, चंडीगढ़, गुजरात, बेंगलुरु, पुणे सहित बिहार-झारखंड से आए। 10 साल बाद दरभंगा में यह आयोजन हुआ और सभी मेहमानों का मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग चादर, माला और मखाना देकर स्वागत किया गया। अगले वर्ष के सम्मेलन को लेकर रूपरेखा तय की गई ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. रिजवान अहमद ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि “इस तरह के बड़े सम्मेलन से डॉक्टरों को सीखने का अवसर यहीं मिल जाता है। पहले जो तकनीक और प्रशिक्षण के लिए बाहर जाना पड़ता था या मरीजों को बड़े शहरों में रेफर करना पड़ता था, अब वह सुविधाएं और विशेषज्ञता स्थानीय स्तर पर भी उपलब्ध हो रही है। सम्मेलन से पूरे बिहार-झारखंड के मरीजों और डॉक्टरों को लाभ मिलेगा। आयोजकों ने बताया कि इस आयोजन ने बिहार-झारखंड में ईएनटी सेवाओं को नई ऊंचाइयां देने का काम किया है। अंतिम दिन समापन समारोह में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया गया और अगले वर्ष के सम्मेलन को लेकर भी रूपरेखा तय की गई।  

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