शिवहर में फाइलेरिया उन्मूलन प्रशिक्षण:नाइट ब्लड सर्वे की तैयारी पर जिला स्तरीय कार्यशाला संपन्न

शिवहर में फाइलेरिया उन्मूलन प्रशिक्षण:नाइट ब्लड सर्वे की तैयारी पर जिला स्तरीय कार्यशाला संपन्न

शिवहर में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सोमवार को नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) के सफल आयोजन हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ. सुरेश राम ने बताया कि एनबीएस कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य फाइलेरिया संक्रमण की वर्तमान दर का आकलन करना है। इस प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों से स्वास्थ्य प्रबंधक, ब्लॉक वेक्टर बोर्न डिजीज सुपरवाइजर (बीवीडीएस), ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर (बीसीएम) और प्रयोगशाला प्रावैधिकी (एलटी) ने सक्रिय भागीदारी की। फाइलेरिया संक्रमण की जांच के लिए रात्रि में रक्त के नमूने लिए जाएंगे जिला वीबीडी कंसल्टेंट मोहन कुमार ने बताया कि जिले के कुल 12 चयनित स्थलों पर फाइलेरिया संक्रमण की जांच के लिए रात्रि में रक्त के नमूने लिए जाएंगे। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी कार्यक्रमों की रणनीति तय की जाएगी। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम 10 फरवरी से शुरू होगा। इसके तहत, संक्रमण के कीड़ों को नष्ट करने के लिए सभी योग्य व्यक्तियों को स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में डीईसी और एलबेंडाजोल की दवाएं दी जाएंगी। दवा का सेवन अनिवार्य है। जिन मरीजों को फाइलेरिया के कारण पहले से ही स्थायी विकृति (स्टेज 3-6) हो चुकी है, उनके लिए एमएमडीपी (Morbidity Management and Disability Prevention) के तहत विशेष उपाय बताए गए हैं। इन मरीजों को राहत प्रदान करने और उनकी पहचान के लिए दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (यूडीआईडी) भी प्रदान किए जाएंगे। शिवहर में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सोमवार को नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) के सफल आयोजन हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ. सुरेश राम ने बताया कि एनबीएस कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य फाइलेरिया संक्रमण की वर्तमान दर का आकलन करना है। इस प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों से स्वास्थ्य प्रबंधक, ब्लॉक वेक्टर बोर्न डिजीज सुपरवाइजर (बीवीडीएस), ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर (बीसीएम) और प्रयोगशाला प्रावैधिकी (एलटी) ने सक्रिय भागीदारी की। फाइलेरिया संक्रमण की जांच के लिए रात्रि में रक्त के नमूने लिए जाएंगे जिला वीबीडी कंसल्टेंट मोहन कुमार ने बताया कि जिले के कुल 12 चयनित स्थलों पर फाइलेरिया संक्रमण की जांच के लिए रात्रि में रक्त के नमूने लिए जाएंगे। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी कार्यक्रमों की रणनीति तय की जाएगी। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम 10 फरवरी से शुरू होगा। इसके तहत, संक्रमण के कीड़ों को नष्ट करने के लिए सभी योग्य व्यक्तियों को स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में डीईसी और एलबेंडाजोल की दवाएं दी जाएंगी। दवा का सेवन अनिवार्य है। जिन मरीजों को फाइलेरिया के कारण पहले से ही स्थायी विकृति (स्टेज 3-6) हो चुकी है, उनके लिए एमएमडीपी (Morbidity Management and Disability Prevention) के तहत विशेष उपाय बताए गए हैं। इन मरीजों को राहत प्रदान करने और उनकी पहचान के लिए दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (यूडीआईडी) भी प्रदान किए जाएंगे।  

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