कॉमेडी के बादशाह असरानी ने जब स्टेज पर नारद मुनि बनकर जीत लिया था सबका दिल

कॉमेडी के बादशाह असरानी ने जब स्टेज पर नारद मुनि बनकर जीत लिया था सबका दिल

Asrani as Narad Muni in Ram Leela: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता असरानी ने अपने जीवन में हर तरह के किरदार निभाए जिनमें कॉमिक, सीरियस, रियलिस्टिक और साइड रोल शामिल हैं। उनका शोले फिल्म का अंग्रेजों के जमाने के जेलर का किरदार हो या बावर्ची फिल्म के विश्वनाथ शर्मा उर्फ बब्बू की भूमिका, असरानी साहब ने अपने हर किरदार को अपने जबरदस्त अभिनय के दम पर जीवंत कर दिया है। 2020 में उन्होंने दिल्ली की लव कुश रामलीला में स्टेज पर नारद का रोल निभाया था। जो उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण अनुभव भी था।

Asrani in Different Roles
असरानी के अलग-अलग किरदारों की फोटोज। (फोटो सोर्स: X)

नारद एक फिलॉसफर हैं

एक इंटरव्यू में असरानी साहब ने नारद मुनि की इस भूमिका को लेकर बात की थी, उन्होंने बताया था कि नारद मुनि का किरदार लोगों के सामने स्टेज पर निभाना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। उन्होंने कहा, “नारद एक फिलॉसफर हैं, वैदिक शास्त्रों का किरदार हैं जिससे बड़े-बड़े देवता भी डरते हैं और जो हर जगह पहुंच जाते हैं। यह कोई हास्य किरदार नहीं था, बल्कि एक गूढ़ और गहन भूमिका थी।”

मुझे खुद पर भी विश्वास नहीं हुआ

Asrani as Narad Muni in Ram Leela
नारद मुनि के किरदार में असरानी की फोटो। (फोटो सोर्स: X)

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने कभी भी कोई पौराणिक किरदार नहीं निभाया था। पाने पूरे फिल्मी करियर में वो ऋषिकेश मुखर्जी, गुलजार, शक्ति सामंत, एल.वी. प्रसाद जैसे निर्देशकों के साथ कई तरह की फिल्मों में अलग अलग तरह के किरदार निभा चुके थे। मगर जब रामलीला कमेटी ने उनके सामने रामलीला में नारद मुनि का किरदार ऑफर किया तो वो हैरान रह गए। इसके आगे उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मैंने सोचा था कि लोग बस बुलाएंगे, नमस्ते करवाएंगे और फोटो खिंचवाकर भेज देंगे, पर जब उन्होंने कहा कि आपको नारद का पूरा किरदार निभाना है, तो मुझे खुद पर भी विश्वास नहीं हुआ”।

असरानी का रामायण का सबसे पसंदीदा पात्र रावण था

Asrani as Narad Muni
नारद मुनि के किरदार में असरानी की फोटो। (फोटो सोर्स: X)

मगर जब मैंने नारद का वेश धारण किया, वस्त्र-भूषण पहने और शुद्ध हिंदी में संवाद बोले, तो मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया। वहां मौजूद दर्शकों ने भी मेरे अभिनय की खूब तारीफ की। जब उनसे पूछा गया कि आपका रामायण का सबसे पसंदीदा किरदार कौन सा है, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, रावण।

इस इंटरव्यू में उन्होंने ये भी बताया कि कैसे ऋषिकेश मुखर्जी और गुलजार उनके करियर के ‘नारद’ बने, इन दोनों ने ही उनको सही दिशा दिखाई। वहीं जया भादुड़ी की फिल्म ‘गुड्डी’ उनको मात्र दो सीन का रोल मिला। लेकिन इन्हीं सीन की वजह से उसका करियर आगे बढ़ा और उन्होंने अपने अभिनय से फिल्ममेकर्स और दर्शकों दोनों का दिल जीत लिया।

असरानी साहब आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादगार फिल्में, उनके हंसाने वाले किरदार, और उनकी सादगी हमेशा लोगों के जेहन में जिन्दा रहेगी।

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