हिंदू फार्मासिस्ट को ब्रेनवॉश कर कराया धर्म परिवर्तन:कलमा पढ़वाया, गौमांस खिलाया, मुंबई ले जाकर साइबर फ्रॉड में फंसाया

हिंदू फार्मासिस्ट को ब्रेनवॉश कर कराया धर्म परिवर्तन:कलमा पढ़वाया, गौमांस खिलाया, मुंबई ले जाकर साइबर फ्रॉड में फंसाया

बरेली में धर्म परिवर्तन का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विशारतगंज क्षेत्र के रहने वाले एक फार्मासिस्ट ने आरोप लगाया है कि उसे पहले दोस्ती के जाल में फंसाया गया, फिर धीरे-धीरे ब्रेनवॉश कर इस्लाम में शामिल किया गया। पीड़ित को मस्जिद ले जाकर कलमा पढ़वाया गया, गौमांस खिलाया गया और फिर मुंबई ले जाकर उसके नाम पर 14 बैंक खाते खुलवाकर साइबर फ्रॉड में फंसा दिया गया। अब पीड़ित ने SSP से गुहार लगाई है और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। दुकान पर आने-जाने वाले युवक से हुई दोस्ती, यहीं से शुरू हुआ खेल विशारतगंज वार्ड नंबर 7 निवासी अम्बरीष गोस्वामी ने बताया कि 2023 में उन्होंने शहबाजपुर में एक मेडिकल शॉप किराए पर ली थी। दुकान के मकान मालिक का भतीजा समीर पुत्र नसीर अहमद अक्सर दुकान पर आने लगा। बातचीत बढ़ी तो समीर परिवार के साथ मिलकर बार-बार हिंदू धर्म के खिलाफ बातें करता और इस्लाम की खूबियां गिनाता। हर गुरुवार नियाज़ लाने लगे, पूजा-पाठ छोड़ने पर किया मजबूर पीड़ित के अनुसार समीर और उसके घरवाले हर गुरुवार नियाज़ का खाना लाते थे और उसे खिलाते थे। धीरे-धीरे उन्होंने उसका माइंड वॉश करना शुरू कर दिया। अम्बरीष ने बताया कि कुछ ही महीनों में वह उनके प्रभाव में इतना आ गया कि पूजा-पाठ तक बंद कर दिया। मस्जिद ले जाकर मौलाना के सामने पढ़वाया कलमा, ‘रजा’ नाम दिया पीड़ित ने बताया कि 4-5 महीने बाद समीर उसे मस्जिद ले जाने लगा। वहां मौलाना के सामने उसे कलमा पढ़वाया गया- ला इलाहा इल्लल्लाह, मोहम्मदुर रसूलल्लाह…। इसके बाद उसका नाम बदलकर ‘रजा’ रख दिया गया। वह 2023 से अब तक लगातार जुम्मे की नमाज पढ़ने भी जाता रहा। मुंबई ले जाकर खुलवाए 14 बैंक खाते, फिर साइबर फ्रॉड में फंसा दिया पीड़ित के अनुसार धर्म परिवर्तन के बाद समीर ने उसे अपने दोस्त साहिल से मिलवाया और कहा कि मुंबई में ऑनलाइन बिजनेस से अच्छी कमाई होगी। इसके बाद समीर, साहिल और उनकी गैंग उसे मुंबई ले गई। वहां आसिफ खान और अनस कुरैशी पुत्र हबीब कुरैशी नाम के लोगों ने उसके नाम पर 14 बैंक खाते खुलवाए और उनकी एक्सेस अपने पास रख ली। कुछ समय बाद इन्हीं खातों से साइबर फ्रॉड हुआ और जुलाई में पश्चिम बंगाल पुलिस ने अम्बरीष को साइबर क्राइम के केस में गिरफ्तार कर लिया। वह तीन महीने जेल में रहा और बाद में जमानत पर बाहर आया। SSP ने लिया संज्ञान, दो आरोपी गिरफ्तार, थाने पर लीपापोती का आरोप बरेली लौटने पर पीड़ित ने SSP को पूरे मामले की लिखित शिकायत दी। SSP के निर्देश पर पुलिस ने समीर और इमरान (महक कम्यूनिकेशन का संचालक) को गिरफ्तार किया। लेकिन पीड़ित का आरोप है कि जब केस विशारतगंज थाने भेजा गया तो वहां कुछ पुलिसकर्मियों ने आरोपियों से पैसे लेकर मामले में लीपापोती की और गंभीरता से जांच नहीं की। धर्म परिवर्तन के बदले शादी और पैसे का लालच दिया गया अम्बरीष ने बताया कि समीर और उसके साथियों ने उसे कहा कि इस्लाम अपनाओ, शादी करवा देंगे, पैसे भी खूब कमाओगे। डॉक्टर की प्रैक्टिस से ज्यादा कमाई ऑनलाइन बिजनेस में बताई गई। शादी का लालच भी दिया गया, लेकिन कभी कोई लड़की नहीं दिखाई गई। गौमांस भी खिलाया, परिवार को भनक तक नहीं लगी पीड़ित का कहना है कि नियाज़ के बहाने जो मांस दिया जाता था, वह खाता था लेकिन उसे पता नहीं होता था कि वह किसका है। बाद में शक हुआ कि उसे गौमांस भी खिलाया गया। परिवार इस बात से अनजान रहा। बाद में जब गिरफ्तारी हुई और पूरी सच्चाई सामने आई तब परिवार को पूरे खेल का पता चला। पूरा गैंग सक्रिय, ब्रेनवॉश करके कराते हैं गैरकानूनी काम पीड़ित ने आरोप लगाया कि यह पूरा गिरोह है जो भोले-भाले लोगों का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराता है, फिर उनके नाम से बैंक अकाउंट खुलवाकर साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल करता है और असली दोषी खुद बच जाते हैं। पीड़ित की मांग-मुझे इंसाफ चाहिए, सारे आरोपियों की गिरफ्तारी हो अम्बरीष ने कहा कि अब वह फिर से अपने मूल धर्म में लौट आया है और चाहता है कि जो उसके साथ हुआ वह किसी और के साथ न हो। उसने आरोप लगाया कि समीर, आसिफ खान, अनस कुरैशी, इमरान और अन्य लोग इस गिरोह का हिस्सा हैं और सभी की गिरफ्तारी होनी चाहिए। पीड़ित कौन है?

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