सीजन की शुरुआत से पहले JSCA ने पूर्व खिलाड़ी शाहबाज नदीम को संयुक्त सचिव और सौरभ तिवारी को सचिव नियुक्त किया। इसके साथ ही झारखंड की आयु-वर्ग क्रिकेट में लंबे समय से कोचिंग कर रहे रतन कुमार को मुख्य कोच और सनी गुप्ता को गेंदबाजी कोच बनाया गया। इन सभी नियुक्तियों में धोनी की महत्वपूर्ण सलाह शामिल थी, जिन्होंने बड़े नामों के पीछे भागने के बजाय स्थानीय और सिस्टम को अच्छी तरह समझने वाले कोचों पर जोर दिया।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 में कप्तान ईशान किशन और विकेटकीपर-बल्लेबाज कुमार कुशाग्र भले ही मैदान पर झारखंड की ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे हों, लेकिन पर्दे के पीछे इस सफलता का असली मास्टरमाइंड भारत के महान पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। इस बात का खुलासा झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के संयुक्त सचिव शाहबाज नदीम ने किया।
धोनी की महत्वपूर्ण सलाह ने मदद की
सीजन की शुरुआत से पहले JSCA ने पूर्व खिलाड़ी शाहबाज नदीम को संयुक्त सचिव और सौरभ तिवारी को सचिव नियुक्त किया। इसके साथ ही झारखंड की आयु-वर्ग क्रिकेट में लंबे समय से कोचिंग कर रहे रतन कुमार को मुख्य कोच और सनी गुप्ता को गेंदबाजी कोच बनाया गया। इन सभी नियुक्तियों में धोनी की महत्वपूर्ण सलाह शामिल थी, जिन्होंने बड़े नामों के पीछे भागने के बजाय स्थानीय और सिस्टम को अच्छी तरह समझने वाले कोचों पर जोर दिया।
धोनी भाई की सलाह को पूरी गंभीरता से लिया
ईएसपीएनक्रीकइंफो के हवाले से नदीम ने बताया, “सीजन शुरू होने से पहले, खासकर कोचिंग स्टाफ की नियुक्ति के समय, हमने धोनी भाई की सलाह को पूरी गंभीरता से लिया। वे झारखंड टीम में गहरी रुचि रखते हैं और चाहते हैं कि टीम बेहतरीन प्रदर्शन करे। इतने बड़े खिलाड़ी का हमारी टीम पर इतना ध्यान देना अपने आप में प्रेरणादायक है।”
धोनी मैच को बहुत बारीकी से फॉलो करते हैं
नदीम ने आगे कहा, “वह हर मैच को बहुत बारीकी से फॉलो करते हैं। पूरे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी को देखा, खिलाड़ियों की ताकत-कमजोरियों को नोट किया और हमारे साथ चर्चा की। झारखंड के हर घरेलू खिलाड़ी के आंकड़े उन्हें याद हैं। वे सचमुच झारखंड क्रिकेट को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी रखते हैं।”
ईशान किशन की कप्तानी में झारखंड बना चैम्पियन
धोनी की इस मार्गदर्शन का नतीजा मैदान पर साफ दिखा। ईशान किशन की अगुआई में झारखंड ने 11 में से 10 मैच जीते और दिल्ली, तमिलनाडु तथा कर्नाटक जैसे तीन पूर्व चैंपियन टीमों वाले ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल किया। खासकर कर्नाटक के खिलाफ रोमांचक कमबैक जीत लंबे समय तक याद रहेगी। फाइनल में हरियाणा को 69 रनों से हराकर झारखंड ने अपना पहला SMAT खिताब जीता।
ईशान किशन ने टूर्नामेंट में 10 पारियों में 197.32 के विस्फोटक स्ट्राइक रेट से 517 रन बनाए और सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। फाइनल में उनका 49 गेंदों में 101 रनों का शतक और कुमार कुशाग्र के साथ 177 रनों की साझेदारी ने झारखंड को रिकॉर्ड 262/3 का स्कोर बनाने में मदद की। इस शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें 2026 टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में दोबारा शामिल होने के रूप में मिला।
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