जिला मुख्यालय स्थित गवर्नमेंट बांगड़ अस्पताल में सोमवार को युवाओं ने अव्यवस्थाओं के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। युवाओं ने 24 सूत्री मांगों को लेकर अस्पताल परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के बाहर राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें चेतावनी दी गई है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक धरना जारी रहेगा। युवाओं का आरोप है कि अस्पताल में लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति खराब है, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिवराज नोजल और जगमाल धेतरवाल ने अस्पताल की कई गंभीर कमियों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि आपातकालीन स्थिति में आने वाले मरीजों को बिना प्राथमिक उपचार और जांच के ही रेफर कर दिया जाता है। सरकारी नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण वार्डों की अधिकांश जिम्मेदारी नर्सिंग छात्रों पर छोड़ दी जाती है। अस्पताल में सोनोग्राफी की पूरी सुविधा होने के बावजूद इसे शुरू नहीं किया गया है और विशेषज्ञ डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं हुई है। इसके अलावा, अस्पताल में मौजूद तीनों ऑक्सीजन प्लांट का सही उपयोग नहीं होता, जिसके कारण सालाना लाखों रुपए के सिलेंडर बाहर से खरीदे जाते हैं। युवाओं ने यह भी बताया कि नया बना ट्रॉमा सेंटर भवन जर्जर स्थिति में है और अधूरे कार्यों की जवाबदेही स्पष्ट नहीं है। कोरोना काल में अग्रवाल समाज द्वारा बनाए गए आईसीयू वार्ड में भी अधिकांश उपकरण खराब या गायब हैं। अन्य समस्याओं में अस्पताल में जांच सुविधाएं होने के बावजूद समय पर जांच न होना शामिल है, जिससे मरीजों को बाहर से जांच करवानी पड़ती है। परिसर में आवारा पशुओं की समस्या और शौचालयों की खराब सफाई व्यवस्था भी गंभीर मुद्दे हैं। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा पर्ची में लिखी गई कई दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। अस्पताल की रेलवे स्टेशन की ओर की दीवार भी जर्जर हालत में है। पानी, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, पर्ची काउंटर, पार्किंग व्यवस्था और सीसीटीवी कवरेज जैसी कई बुनियादी सुविधाओं में भी भारी कमी बताई गई है। प्रदर्शनकारी युवाओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक उनकी सभी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, धरना जारी रहेगा। अस्पताल प्रशासन की ओर से अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। प्रदर्शनकारियों ने 24 सूत्री मांगों में प्रमुख रूप से यह मांगें रखीं -आपातकालीन सेवाओं का सुदृढ़ संचालन -सोनोग्राफी शुरू कर विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति -ऑक्सीजन प्लांट का नियमित संचालन -ICU वार्ड की मरम्मत व एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की नियुक्ति -सभी जांच एवं दवा वितरण अस्पताल में समय पर उपलब्ध करवाना -अस्पताल परिसर में सफाई, सुरक्षाकर्मी, पार्किंग और आवारा पशुओं पर नियंत्रण -अतिरिक्त पर्ची काउंटर और दवा वितरण काउंटर -अस्पताल का टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी करना


