बैतूल। देहगुड जलाशय से निकली नहर से अवैध रूप से पानी बाहर ले जाने का मामला सामने आया है। ग्राम दातोर पिसाटा सेंदूरजना क्षेत्र के पीडि़त किसानों ने बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया है कि कुछ किसानों द्वारा नहर को तोडकऱ मोटर पंपों के माध्यम से पानी निकाल लिया जा रहा है, जिससे अंतिम छोर के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है।
किसानों ने बताया कि देहगुड जलाशय की नहर का चालू कार्य 12 दिसंबर को किया गया था। नहर की कुल लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है, लेकिन वर्तमान में नहर के माध्यम से पानी केवल 5 से 6 किलोमीटर तक ही पहुंच पा रहा है। इसके आगे कुछ स्थानों पर काश्तकारों द्वारा अवैध रूप से नहर को तोडकऱ पानी नीचे की जमीन में बनाए गए गड्ढों में एकत्र किया जा रहा है और मोटरों के जरिए पानी को कमांड एरिया से बाहर ले जाया जा रहा है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कमांड एरिया से बाहर पानी ले जाने के कारण वैध किसानों को पर्याप्त सिंचाई जल नहीं मिल पा रहा है। कई स्थानों पर नहर की अधिकृत भूमि में गड्ढे खोद दिए गए हैं, जिससे नहर का पानी आगे नहीं बढ़ पाता। इन गड्ढों पर 10 से 10 हॉर्सपावर की मोटरें लगाकर 4 से 5 किलोमीटर दूर तक पानी पहुंचाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि नहर कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिससे आधा पानी नदी-नालों में बहकर व्यर्थ चला जा रहा है। सिंचाई जल की कमी के चलते रबी सीजन में बोई गई गेहूं की फसल प्रभावित हो रही है। किसानों के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत कृषि भूमि पर अभी तक बोनी नहीं हो पाई है। पीडि़त किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि कमांड एरिया से बाहर पानी ले जाने वाले किसानों और नहर पर अवैध रूप से मोटर लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि सभी किसानों को समान रूप से सिंचाई का लाभ मिल सके। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
देहगुड जलाशय की नहर से अवैध पानी निकासी का आरोप, कलेक्ट्रेट में किसानों का प्रदर्शन


