ग्वालियर में आईएएस संतोष वर्मा के खिलाफ कथित अवैधानिक कार्रवाई को लेकर एससी, एसटी, ओबीसी समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। शनिवार को सामाजिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे के बैनर तले कलेक्टर कार्यालय पर यह प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम अतुल सिंह को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें संतोष वर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। इस प्रदर्शन में ओबीसी महासभा, जयस, सर्व दलित एकता मंच, आदिवासी समाज संघ सहित एससी, एसटी, ओबीसी समाज संयुक्त मोर्चा के कई संगठन शामिल थे। संगठनों का आरोप है कि आदिवासी समाज से आने वाले ईमानदार अधिकारी संतोष वर्मा को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह कार्रवाई सरकार की संकुचित मानसिकता को दर्शाती है और वंचित वर्ग की आवाज दबाने का प्रयास है। एडवोकेट विश्वजीत रातोनिया ने बताया कि संबंधित अधिकारी के माफी मांगने के बावजूद उनके खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। संगठनों ने जानकारी दी कि 23 नवंबर को अजाक्स अधिवेशन के दौरान संतोष वर्मा ने सामाजिक समरसता, जाति उन्मूलन, रोटी-बेटी के संबंध, हिंदू एकता और संविधान को सर्वोपरि रखने जैसे विषयों पर विचार व्यक्त किए थे। आरोप है कि समाज विरोधी तत्वों ने उनके भाषण की मात्र 7 सेकेंड की वीडियो क्लिप को तोड़-मरोड़ कर वायरल किया। इसी आधार पर बिना निष्पक्ष जांच के सरकार ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया। संगठनों ने इसे संविधान, न्याय और आदिवासी सम्मान पर सीधा हमला बताया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के समक्ष 9 प्रमुख मांगें रखीं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं और संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई वापस नहीं ली गई, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।


