संभल में स्थायी जिला न्यायालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। मंगलवार को 15 किसानों ने 5 हेक्टेयर (लगभग 80 बीघा) भूमि का बैनामा किया। कुल 10 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। यह बैनामा चंदौसी तहसील स्थित उपनिबंधक कार्यालय में संपन्न हुआ। जिला जज डॉ. विदुषी सिंह स्वयं शाम करीब 5 बजे कार्यालय पहुंचीं और किसानों से बैनामा कराया। इस दौरान चंदौसी एसडीएम आशुतोष तिवारी और तहसीलदार रवि सोनकर सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। जिला न्यायालय की स्थापना के लिए गांव फतेहपुर शरीफ में कुल 10 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। मंगलवार को हुई रजिस्ट्री में 5 हेक्टेयर भूमि का बैनामा पूरा हो गया। इससे पहले, पांच दिन पूर्व भी 6 बीघा भूमि का बैनामा कराया गया था। स्थायी जिला न्यायालय की स्थापना की प्रक्रिया को गति देने के लिए बैनामा प्रक्रिया तेज की जा रही है। बैनामा करने वाले किसानों में से एक भुवनेश कुमार ने बताया, “मैंने अपनी 6 बीघा भूमि का जिला न्यायालय के लिए बैनामा किया है। रजिस्ट्री कार्यालय में जिला जज मौजूद थीं और मैंने अपने हिस्से का बैनामा कर दिया है।” उल्लेखनीय है कि बीते 14 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने संभल की जिला जज डॉ. विदुषी सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ जिला न्यायालय के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया था। संभल जिले का गठन 28 सितंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मुरादाबाद की संभल, चंदौसी और बदायूं की गुन्नौर तहसील को मिलाकर ‘भीमनगर’ के नाम से किया था। वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका नाम बदलकर संभल कर दिया। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 07 अगस्त 2025 को संभल के जिला मुख्यालय के लिए भूमि पूजन करते हुए स्थायी मुख्यालय की घोषणा की थी। इसी घोषणा के तहत अब स्थायी जिला न्यायालय की स्थापना की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है।


