गाड़ी सजाकर बैंड-बाजे के साथ नवजात को घर लाया:खगड़िया में बेटी के जन्म पर पिता ने मनाया जश्न, देखने जुटी लोगों की भीड़

गाड़ी सजाकर बैंड-बाजे के साथ नवजात को घर लाया:खगड़िया में बेटी के जन्म पर पिता ने मनाया जश्न, देखने जुटी लोगों की भीड़

खगड़िया में बेटी के जन्म पर एक पिता ने अनूठा जश्न मनाया। गोगरी प्रखंड के पितोंझिया वार्ड नंबर-5 निवासी अमित कुमार पंडित ने अपनी नवजात बेटी को अस्पताल से घर लाने के लिए गाड़ी को फूलों से सजाया और बैंड-बाजे का इंतजाम किया। यह नजारा देखने के लिए स्थानीय लोग उमड़ पड़े। इस पहल को समाज में बेटियों के सम्मान का प्रतीक बताया जा रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार, अमित कुमार पंडित की पत्नी ने सोमवार रात गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया था। बैंड-बाजे के साथ बेटी को अस्पताल से घर लेकर आए बेटी के आगमन से उत्साहित अमित ने मंगलवार शाम करीब चार बजे अपनी गाड़ी को रंग-बिरंगे फूलों और झालरों से सजाया। इसके बाद, बैंड-बाजे के साथ वह अपनी बेटी को अस्पताल से घर लेकर आए। अमित की पत्नी ने कहा कि जहां कई लोग बेटी के जन्म पर दुखी होते हैं, वहीं उनके लिए यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने बेटी को भगवान का आशीर्वाद बताया। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का वास्तविक संदेश ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे माता-पिता ही समाज में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का वास्तविक संदेश देते हैं। इससे पहले भी रामपुर निवासी बिहार पुलिस के जवान जितेंद्र यादव ने अपनी बेटी के जन्म पर इसी तरह बैंड-बाजे के साथ अस्पताल से घर लाकर सुर्खियां बटोरी थीं। अमित पंडित का यह कदम भी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। खगड़िया में बेटी के जन्म पर एक पिता ने अनूठा जश्न मनाया। गोगरी प्रखंड के पितोंझिया वार्ड नंबर-5 निवासी अमित कुमार पंडित ने अपनी नवजात बेटी को अस्पताल से घर लाने के लिए गाड़ी को फूलों से सजाया और बैंड-बाजे का इंतजाम किया। यह नजारा देखने के लिए स्थानीय लोग उमड़ पड़े। इस पहल को समाज में बेटियों के सम्मान का प्रतीक बताया जा रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार, अमित कुमार पंडित की पत्नी ने सोमवार रात गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया था। बैंड-बाजे के साथ बेटी को अस्पताल से घर लेकर आए बेटी के आगमन से उत्साहित अमित ने मंगलवार शाम करीब चार बजे अपनी गाड़ी को रंग-बिरंगे फूलों और झालरों से सजाया। इसके बाद, बैंड-बाजे के साथ वह अपनी बेटी को अस्पताल से घर लेकर आए। अमित की पत्नी ने कहा कि जहां कई लोग बेटी के जन्म पर दुखी होते हैं, वहीं उनके लिए यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने बेटी को भगवान का आशीर्वाद बताया। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का वास्तविक संदेश ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे माता-पिता ही समाज में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का वास्तविक संदेश देते हैं। इससे पहले भी रामपुर निवासी बिहार पुलिस के जवान जितेंद्र यादव ने अपनी बेटी के जन्म पर इसी तरह बैंड-बाजे के साथ अस्पताल से घर लाकर सुर्खियां बटोरी थीं। अमित पंडित का यह कदम भी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।  

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