अररिया शहर में नवजात शिशु का शव मिलने से सनसनी फैल गई। यह घटना मंगलवार शाम 5 बजे सदर अस्पताल के ठीक पीछे खलीलाबाद वार्ड संख्या 25 स्थित एक खाली मैदान की झाड़ियों में सामने आई। खलीलाबाद वार्ड संख्या 25 निवासी नयाब ने बताया कि शाम करीब 5 बजे कुछ बच्चे उस खाली ग्राउंड में खेल रहे थे। खेलते समय बच्चों की नजर झाड़ियों पर पड़ी, जहां उन्हें एक नवजात शिशु दिखाई दिया। पास जाकर देखने पर पता चला कि शिशु की मौत हो चुकी थी। बच्चों ने तुरंत अपने घरवालों को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने नवजात के शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस से जांच की मांग प्राथमिक जांच में शिशु की मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। यह घटना बिहार में कन्या भ्रूण हत्या या अवांछित गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा करती है। हाल के वर्षों में राज्य के कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नवजातों के शव झाड़ियों, नालों या कचरे के ढेर में मिले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक कुरीतियां, गरीबी और जागरूकता की कमी ऐसे अपराधों को बढ़ावा दे रही हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस से मामले की गहन जांच करने और दोषियों को जल्द सजा दिलाने की मांग की है। अररिया शहर में नवजात शिशु का शव मिलने से सनसनी फैल गई। यह घटना मंगलवार शाम 5 बजे सदर अस्पताल के ठीक पीछे खलीलाबाद वार्ड संख्या 25 स्थित एक खाली मैदान की झाड़ियों में सामने आई। खलीलाबाद वार्ड संख्या 25 निवासी नयाब ने बताया कि शाम करीब 5 बजे कुछ बच्चे उस खाली ग्राउंड में खेल रहे थे। खेलते समय बच्चों की नजर झाड़ियों पर पड़ी, जहां उन्हें एक नवजात शिशु दिखाई दिया। पास जाकर देखने पर पता चला कि शिशु की मौत हो चुकी थी। बच्चों ने तुरंत अपने घरवालों को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने नवजात के शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस से जांच की मांग प्राथमिक जांच में शिशु की मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। यह घटना बिहार में कन्या भ्रूण हत्या या अवांछित गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा करती है। हाल के वर्षों में राज्य के कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नवजातों के शव झाड़ियों, नालों या कचरे के ढेर में मिले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक कुरीतियां, गरीबी और जागरूकता की कमी ऐसे अपराधों को बढ़ावा दे रही हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस से मामले की गहन जांच करने और दोषियों को जल्द सजा दिलाने की मांग की है।


