महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। गुरुवार की सुबह एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव अलग-अलग जगहों पर मिलने से सनसनी फैल गई। घर के भीतर माता-पिता मृत पाए गए, तो वहीं कुछ दूरी पर रेलवे ट्रैक पर दोनों बेटों के क्षत-विक्षत शव मिले। पुलिस को अंदेशा है कि यह सामूहिक आत्महत्या का मामला है, लेकिन एक हंसते-खेलते किसान परिवार ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है।
दो जगहों पर मिलीं चार लाशें
यह दर्दनाक घटना मुदखेड़ तहसील के ज्वाला मुरार गांव की है। सुबह करीब 8 बजे जब पड़ोसी रमेश सोनाजी लखे (51) के घर पहुंचे, तो वहां का नजारा देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। घर के भीतर खाट पर रमेश और उनकी पत्नी राधाबाई लखे (45) मृत अवस्था में पड़े थे। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
अभी गांव वाले इस सदमे से उबर भी नहीं पाये थे कि खबर आई कि घर से कुछ दूरी पर स्थित रेलवे पटरियों पर दो युवकों के शव पड़े हैं। शिनाख्त करने पर पता चला कि ये रमेश के ही दो बेटे, उमेश (25) और बजरंग (23) थे। इस घटना ने पूरे इलाके को सुन्न कर दिया है।
ट्रेन के आगे कूदे 2 बेटे
सूचना मिलते ही नांदेड़ ग्रामीण पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस निरीक्षक दत्तात्रेय मंथले ने मीडिया को बताया, “माता-पिता घर के अंदर मृत मिले हैं, जबकि बेटों ने रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या की है। हमने साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की टीम को बुलाया है।”
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी जांच के बाद ही मौत के सही कारणों और समय का पता चल पाएगा। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों भाइयों ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी।
आर्थिक तंगी या कुछ और?
मृतक रमेश लखे एक छोटे खेतिहर किसान थे। पड़ोसियों की मानें तो परिवार बेहद मेहनती था और कभी किसी से उनका कोई बड़ा विवाद नहीं सुना गया। पुलिस अब इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है कि क्या परिवार कर्ज और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था या फिर कोई अन्य वजह है।
पुलिस ने फिलहाल आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है। ग्रामीणों व रिश्तेदारों के बयान दर्ज कर रही है। घर की तलाशी में अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद हुआ है। एक साथ चार चिताओं के जलने की खबर ने पूरे नांदेड जिले में शोक की लहर दौड़ा दी है।


