जयपुर। राजस्थान के पचपदरा में बन रही 9 मिलियन टन क्षमता वाली रिफाइनरी के निर्माण कार्य में तेजी आई है। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) ने परियोजना को जल्द शुरू करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। इस रिफाइनरी के लिए अरब देशों से क्रूड ऑयल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। वर्तमान में 26,000 से अधिक श्रमिक रिफाइनरी निर्माण में कार्यरत हैं। अब तक परियोजना का 90.3% काम पूरा हो चुका है।
रिफाइनरी परियोजना के लिए कुल 7.5 मिलियन टन क्रूड ऑयल अरब देशों से मंगाया जाएगा, जबकि 1.5 मिलियन टन तेल राजस्थान में उत्पादित किया जाएगा। इस रिफाइनरी की विशेषता जीरो लिक्विड एफ्लुएंट डिस्चार्ज है, यानी प्रसंस्करण के दौरान कोई भी अपशिष्ट नहीं होगा।
9 प्रमुख प्रोसेस यूनिट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोकापर्ण के लिए समय मांगा जा चुका है और जनवरी 2026 में इसके विधिवत शुरूआत की संभावना है। यहां व्यावसायिक उत्पादन जुलाई 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना में लगभग 80,000 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। अब तक 76,000 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए जा चुके हैं और 62,000 करोड़ रुपए से अधिक का काम पूरा हो चुका है। परियोजना में 9 प्रमुख प्रोसेस यूनिट, 4 पेट्रोकेमिकल यूनिट और 2 यूटिलिटी यूनिट शामिल हैं।
ऐसे पहुंचेगा पचपदरा तक क्रूड ऑयल
अरब देशों से क्रूड ऑयल समुद्री मार्ग से गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पहुंचेगा। मूंदड़ा पोर्ट पर 6 क्रूड ऑयल टर्मिनल टैंक तैयार किए जा रहे हैं, जिनका 92 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। वहां से 485 किलोमीटर लंबी विशेष पाइपलाइन के जरिए इसे पचपदरा रिफाइनरी तक लाया जाएगा। पाइपलाइन इलेक्ट्रिक हीटेड होने के कारण क्रूड ऑयल निर्धारित तापमान पर बना रहेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस पाइपलाइन के जरिए क्रूड ऑयल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है।
उत्तर भारत तक पहुंचेगा तैयार उत्पाद
पचपदरा रिफाइनरी से पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, जेट फ्यूल और पेट्रोकेमिकल उत्पाद जैसे पॉलीएथिलीन, पॉलीप्रोपिलीन, ब्यूटाडाइन, टॉल्यूइन और बेंजीन का उत्पादन किया जाएगा। इन उत्पादों की आपूर्ति राजस्थान के साथ-साथ उत्तर भारत के कई पड़ोसी राज्यों में होगी।
यूनिटों में काम की स्थिति
रिफाइनरी को लेकर तीन सेक्टर में काम हो रहा है। इनमें रिफाइनरी सेक्शन में 9 यूनिट, पेट्रोकेमिकल में 4 यूनिट और यूटिलिटी में 2 यूनिट का काम चल रहा है। यह पूरा काम पांच कंपनियों के जरिए कराया जा रहा है। इनमें पॉली प्रोपलीन और ब्यूटेन-1 यूनिट का काम 68 फीसदी के साथ सबसे धीमा चल रहा है। जबकि डीजल हाइड्रो ट्रीटिंग यूनिट और हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट का काम 98 फीसदी के साथ सबसे ज्यादा पूरा हो चुका है।
फ्लेयर सिस्टम चालू कर टेस्टिंग प्रक्रिया आरंभ
रिफाइनरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलाकर आर. विखार एवं सीएफओ इंद्रजीत दासगुप्ता ने बताया कि मूंदड़ा पोर्ट पर क्रूड टैंक तक कच्चे तेल की पहली खेप पहुंच चुकी है, जो मूंदड़ा पोर्ट के छह टैंकों से पाइपलाइन के माध्यम से रिफाइनरी तक लाई जा रही है। रिफाइनरी में ओबीई कार्य 99.8 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
एचपीसीएल के सीएमडी विकास कौशल ने बताया कि मेहसाना-भटिंडा गैस पाइपलाइन से गैस आपूर्ति शुरू होते ही फ्लेयर सिस्टम चालू कर टेस्टिंग प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। वहीं नाचना रिजर्ववॉयर से पाइपलाइन के जरिए रिफाइनरी में पानी की आपूर्ति भी शुरू हो गई है।
रिफाइनरी से सालाना उत्पादन
पेट्रोल – 995
डीजल – 4035
पीपी – 1073
एलएलडीपीई – 479
एचडीपीई – 479
ब्यूटाडाइन – 146
बेंजीन – 134
टॉल्यूइन – 104
सल्फर – 157
(उत्पादन किलो टन सालाना)


