बैतूल। नगर पालिका में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें टैक्स में सरचार्ज छूट का लाभ उठाने के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में नागरिक नगर पालिका कार्यालय पहुंचे। लोक अदालत की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई, लेकिन ई-नगरपालिका सर्वर की धीमी गति ने शुरुआत से ही लोगों की परेशानी बढ़ा दी। टैक्स जमा करने पहुंचे नागरिक काउंटरों पर कतार में खड़े नजर आए, लेकिन सर्वर स्लो होने के कारण टैक्स कलेक्शन की प्रक्रिया काफी धीमी रही।
प्रारंभिक समय में तकनीकी दिक्कतों के चलते कर्मचारियों को भी काम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। हालांकि दोपहर करीब 12 बजे के बाद सर्वर की स्थिति में कुछ सुधार हुआ और टैक्स कलेक्शन ने रफ्तार पकड़ ली। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली और लगातार टैक्स जमा होने लगा, लेकिन यह राहत ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। दोपहर लगभग 3 बजे एक बार फिर सर्वर धीमा पड़ गया, जिसके कारण टैक्स वसूली का काम कुछ समय के लिए पूरी तरह ठप हो गया। इस दौरान टैक्स जमा करने आए लोगों में नाराजगी भी देखने को मिली। कई लोग घंटों इंतजार के बाद बिना टैक्स जमा किए लौटने को मजबूर हुए, जबकि कुछ लोग सर्वर चालू होने का इंतजार करते रहे। बाद में सर्वर दोबारा शुरू होने पर टैक्स वसूली का कार्य फिर से प्रारंभ किया गया, जो देर रात करीब आठ बजे तक जारी रहा। शाम 7 बजे तक नगर पालिका के खाली हो चुके खजाने में करीब 50 लाख रुपए टैक्स के रूप में जमा हो चुके थे। टैक्स जमा करने वालों की आवाजाही लगातार बनी रहने के कारण कर्मचारियों द्वारा यह अनुमान लगाया जा रहा था कि कुल कलेक्शन 55 लाख रुपए से अधिक पहुंच सकता है। जबकि नगर पालिका ने इस लोक अदालत के माध्यम से 1 करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य तय किया था। पिछली बार सितंबर माह में आयोजित लोक अदालत से नगर पालिका को लगभग 75 लाख रुपए का टैक्स कलेक्शन हुआ था, जो इस बार की तुलना में अधिक था। उस कलेक्शन के बाद कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया गया था। इस बार भी नगर पालिका अधिकारी बेहतर टैक्स कलेक्शन की उम्मीद जता रहे हैं, ताकि कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
आठ हजार का टैक्स 13 हजार वसूल लिए
टैक्स वसूली की गणना को लेकर भी नपा में लारवाही नजर आई। भोपाल से टैक्स जमा करने बैतूल आए कृष्णराव असोलकर ने बताया कि देशबंधु वार्ड में उनका मकान बना है। टैक्स जमा करने जब वे लोग अदालत में पहुंचे तो एआईआर ने टैक्स की गणना कर 13292 रुपए जमा कराए लिए। जब उन्हें टैक्स अधिक होने का संदेह हुआ तो उन्होंने क्रास चेक कराया तो पता चला कि टैक्स महज 8383 रुपए जमा करना था। जिसके बाद शेष राशि नपा द्वारा लौटाई गई।


