डीडीयू यूनिवर्सिटी में आयोजित गोरखपुर पुस्तक महोत्सव के छठवें दिन बाल मंडप में स्टोरी टेलिंग और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिला। शहर के 30 विद्यालयों के 1500 से अधिक विद्यार्थियों ने इस रचनात्मकता आयोजन में हिस्सा लिया। सभी ने स्टोरी टेलिंग, कैलिग्राफी और क्ले मॉडलिंग वर्कशॉप खूब उत्साह दिखाया। दिन की शुरुआत रणजीता सचदेवा की ओर से ‘कमीशिबाई कहानी कहे’ के साथ हुई, जहां छोटे श्रोताओं ने “पेपर थिएटर” के अनोखे कहानी प्रस्तुति एक जापानी लोक कथा के माध्यम से जापान की यात्रा की। इसके बाद दीपिका कमालिया की ओर से आयोजित एक “कैलिग्राफी वर्कशॉप” आयोजित की गई, जहां विद्यार्थियों ने खेलने वाले स्ट्रोक के माध्यम से सुंदर लेटरिंग की कला सीखी। जबकि अगले सत्र में रूपेश कुमार के नेतृत्व में “क्ले मॉडलिंग वर्कशॉप” आयोजित हुई। जहां बच्चों ने अपनी कल्पना से मिट्टी को आकार दिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीखे शिक्षण के गुर
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के एक विभाग, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (ओयूपी) ने गुरूवार को महोत्सव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए “कहानियों और गतिविधियों के माध्यम से आनंददायक शिक्षण का निर्माण” विषय पर एक संवादात्मक शिक्षक ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित की। वर्कशॉप का संचालन प्रसिद्ध शिक्षिका, लेखिका सोनिया रेलिया ने किया। जिनका उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता को बढ़ाना था। ताकि वे छोटे शिक्षार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक और आनंदमय शिक्षण वातावरण तैयार कर सकें, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तुत दृष्टिकोण के अनुरूप है। कहानी, संगीत और एक्टिविटी के माध्यम से सोनिया रेलिया ने समझाया कि शिक्षक छोटे बच्चों में संज्ञानात्मक क्षमताओं, सकारात्मक दृष्टिकोण और औपचारिक शिक्षा के प्रति कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं। अपने प्रदर्शन के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कहानियां और कक्षा की गतिविधियां प्रारंभिक शिक्षा को बहु-इंद्रिय, समावेशी और भावनात्मक रूप से समृद्ध बनाने में मददगार हो सकती हैं। यह कार्यशाला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) कार्यक्रम का हिस्सा थी। इस पहल के तहत ओयूपी ने नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 100 आंगनवाड़ी केंद्रों में पुस्तकालय स्थापित किए हैं। जिनमें लखनऊ और गोरखपुर जिलों में 50-50 पुस्तकालय शामिल हैं। इस मौके पर नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के डायरेक्टर युवराज मलिक ने कहा – आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित यह क्षमता विकास कार्यशाला छोटे शिक्षार्थियों में जिज्ञासा, सृजनात्मकता और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना के अनुरूप है। कार्यशाला के दौरान सोनिया रेलिया ने कहा -प्रारंभिक शिक्षा किसी भी बच्चे की शैक्षणिक यात्रा की नींव होती है। इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से हमारा उद्देश्य आंगनवाड़ीकार्यकर्ताओं को ऐसे व्यावहारिक उपकरण और रचनात्मक तरीके प्रदान करना है, जो प्रारंभिक साक्षरता को आनंददायक, संवादात्मक और सार्थक बना सकें। वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुकांता दास ने कहा-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया में हमारा उद्देश्य शिक्षकों को आवश्यक कौशल, उपकरण और रणनीतियों से सशक्त बनाकर प्रारंभिक शिक्षार्थियों के लिए आधारभूत शिक्षा को मजबूत करना है।


