MVA में दरार! निकाय चुनावों में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा कदम, तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी

MVA में दरार! निकाय चुनावों में हार के बाद कांग्रेस का बड़ा कदम, तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी

महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के नतीजों ने राज्य की सियासत में हलचल तेज कर दी है। भाजपा नीत सत्ताधारी महायुति की प्रचंड जीत और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन की करारी हार के बाद अब सबकी निगाहें देश की सबसे अमीर महानगरपालिका यानी बीएमसी चुनावों (मुंबई महानगरपालिका) पर टिक गई हैं।

महाराष्ट्र की नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में महाविकास आघाड़ी को करारा झटका लगा है। विपक्षी गठबंधन को कुल मिलाकर सिर्फ 44 नगराध्यक्ष पदों पर ही संतोष करना पड़ा। हालांकि इस कमजोर प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति बनाई और उसके 28 उम्मीदवार नगराध्यक्ष चुने गए। वहीं राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के 7 और शिवसेना ठाकरे गुट के 9 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।

दूसरी ओर सत्ताधारी महायुति ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। राज्यभर में महायुति के 207 नगराध्यक्ष पदों पर कब्जा हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा भाजपा के 117 उम्मीदवार विजयी रहे।

इन नतीजों के साथ ही अब सभी दलों की नजरें मुंबई महानगरपालिका चुनाव पर टिक गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस एक बड़े राजनीतिक फैसले की ओर बढ़ती दिख रही है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के साथ संभावित गठबंधन पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसी सिलसिले में मुंबई कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने रविवार को वीबीए प्रमुख प्रकाश आंबेडकर से मुलाकात की।

कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है कि वह मुंबई में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) से गठबंधन नहीं करेगी और सभी 227 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। लेकिन साथ ही समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेने के विकल्प भी खुले रखे गए हैं। मुंबई में अनुसूचित जाति वर्ग की 49 सीटें होने के कारण वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ तालमेल को कांग्रेस रणनीतिक रूप से अहम मान रही है।

इधर, मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर एक और अहम समीकरण सामने आया है। जानकारी के अनुसार शिवसेना ठाकरे गुट और मनसे के बीच गठबंधन की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसमें राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के भी शामिल होने के संकेत हैं और ठाकरे गुट अपने कोटे से उन्हें सीटें दे सकती है।

हालांकि कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह मनसे और AIMIM के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। ऐसे में मुंबई महानगरपालिका चुनाव में कांग्रेस का रुख अलग राह चुनने का दिख रहा है और इस बार ठाकरे गुट से दूरी बनाते हुए वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ तीसरा मोर्चा बनाने की संभावना सबसे मजबूत मानी जा रही है।

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