जहानाबाद में भाकपा माले (CPI-ML) ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ ‘प्रतिशोध मार्च’ निकाला। पार्टी के महासचिव रामाधार सिंह ने इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा। रामाधार सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लगातार गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है। उन्होंने मनरेगा योजना का नाम बदलने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इसे बंद करने की फिराक में है। इसके अलावा, 44 श्रम संहिताओं को बदलकर चार करने से कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के अधिकारों का हनन हुआ है। बांग्लादेश में शांति व्यवस्था कायम करने की अपील उन्होंने बांग्लादेश में सांप्रदायिक पार्टियों द्वारा वामपंथी दलों पर किए जा रहे हमलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सिंह ने लोगों से बांग्लादेश में शांति व्यवस्था कायम करने और एक अच्छी सरकार के गठन की अपील की। बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए रामाधार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों की झोपड़ियों को उजाड़ रही है और उन पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब-जब किसान-मजदूरों पर अत्याचार होगा, उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। भाकपा माले ने केंद्र और राज्य सरकारों को आगाह किया कि वे किसान-मजदूरों के हितों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंद न करें। पार्टी ने कहा कि यदि ऐसा किया गया, तो वे सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेंगे। जहानाबाद में भाकपा माले (CPI-ML) ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ ‘प्रतिशोध मार्च’ निकाला। पार्टी के महासचिव रामाधार सिंह ने इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा। रामाधार सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लगातार गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है। उन्होंने मनरेगा योजना का नाम बदलने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इसे बंद करने की फिराक में है। इसके अलावा, 44 श्रम संहिताओं को बदलकर चार करने से कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के अधिकारों का हनन हुआ है। बांग्लादेश में शांति व्यवस्था कायम करने की अपील उन्होंने बांग्लादेश में सांप्रदायिक पार्टियों द्वारा वामपंथी दलों पर किए जा रहे हमलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सिंह ने लोगों से बांग्लादेश में शांति व्यवस्था कायम करने और एक अच्छी सरकार के गठन की अपील की। बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए रामाधार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों की झोपड़ियों को उजाड़ रही है और उन पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब-जब किसान-मजदूरों पर अत्याचार होगा, उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। भाकपा माले ने केंद्र और राज्य सरकारों को आगाह किया कि वे किसान-मजदूरों के हितों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को बंद न करें। पार्टी ने कहा कि यदि ऐसा किया गया, तो वे सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेंगे।


