गयाजी में नगर विधायक सह प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के खिलाफ वार्ड पार्षद ने मोर्चा खोल दिया है। वार्ड पार्षद सह बीजेपी नेता सुनील कुमार उर्फ बम्बइया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि आठ बार से लगातार चुनाव जीतने के बावजूद प्रेम कुमार शहर को उसका हक नहीं दिला पाए हैं। कॉरिडोर, वाई-क्लास रेलवे स्टेशन, बाईपास जैसी योजनाएं आईं, लेकिन शहर की असली समस्याएं जस की तस हैं। शहर को सड़कों, ओवरब्रिज और जाम से राहत चाहिए, लेकिन विधायक की नाकामी ने हर उम्मीद तोड़ दी है। आठ बार के विधायक का ट्रैक रिकॉर्ड खुद बयां करता है कि उन्होंने शहर के विकास को कभी प्राथमिकता नहीं दी। ट्रैफिक जाम, टूटी सड़कें, अतिक्रमण और अव्यवस्था से त्रस्त जनता अब बदलाव चाहती है। उनकी अब उम्र हो चुकी है, जनता थक चुकी है। शहर का सब्र अब जवाब देने लगा है। कार्यकर्ताओं और जनता के सब्र की सीमा टूट चुकी है संगठन पर निशाना साधते हुए सुनील कुमार ने कहा कि पार्टी में मनमानी चरम पर है। किसान प्रकोष्ठ की कमान उस व्यक्ति को सौंप दी गई है जिसे खेती-किसानी की जानकारी तक नहीं। कई पदों पर योग्यता नहीं, सिर्फ जोड़-तोड़ के आधार पर नियुक्तियां हुई हैं। अगर इस बार पार्टी ने शहर के किसी युवा को टिकट नहीं दिया तो जनता विकल्प तलाशेगी। बीजेपी को अब यह समझना होगा कि कार्यकर्ता और जनता दोनों के सब्र की सीमा टूट चुकी है। अब युवाओं को आगे लाने का समय है। नहीं तो गयाजी शहर में इस बार बड़ा राजनीतिक बदलाव के लिए जनता विकल्प तलाशेगी। गयाजी में नगर विधायक सह प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के खिलाफ वार्ड पार्षद ने मोर्चा खोल दिया है। वार्ड पार्षद सह बीजेपी नेता सुनील कुमार उर्फ बम्बइया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि आठ बार से लगातार चुनाव जीतने के बावजूद प्रेम कुमार शहर को उसका हक नहीं दिला पाए हैं। कॉरिडोर, वाई-क्लास रेलवे स्टेशन, बाईपास जैसी योजनाएं आईं, लेकिन शहर की असली समस्याएं जस की तस हैं। शहर को सड़कों, ओवरब्रिज और जाम से राहत चाहिए, लेकिन विधायक की नाकामी ने हर उम्मीद तोड़ दी है। आठ बार के विधायक का ट्रैक रिकॉर्ड खुद बयां करता है कि उन्होंने शहर के विकास को कभी प्राथमिकता नहीं दी। ट्रैफिक जाम, टूटी सड़कें, अतिक्रमण और अव्यवस्था से त्रस्त जनता अब बदलाव चाहती है। उनकी अब उम्र हो चुकी है, जनता थक चुकी है। शहर का सब्र अब जवाब देने लगा है। कार्यकर्ताओं और जनता के सब्र की सीमा टूट चुकी है संगठन पर निशाना साधते हुए सुनील कुमार ने कहा कि पार्टी में मनमानी चरम पर है। किसान प्रकोष्ठ की कमान उस व्यक्ति को सौंप दी गई है जिसे खेती-किसानी की जानकारी तक नहीं। कई पदों पर योग्यता नहीं, सिर्फ जोड़-तोड़ के आधार पर नियुक्तियां हुई हैं। अगर इस बार पार्टी ने शहर के किसी युवा को टिकट नहीं दिया तो जनता विकल्प तलाशेगी। बीजेपी को अब यह समझना होगा कि कार्यकर्ता और जनता दोनों के सब्र की सीमा टूट चुकी है। अब युवाओं को आगे लाने का समय है। नहीं तो गयाजी शहर में इस बार बड़ा राजनीतिक बदलाव के लिए जनता विकल्प तलाशेगी।


