PSPCL के CMD की योग्यता बदलने पर विवाद बढ़ा:PSEB इंजीनियर्स एसोसिएशन  ने सीएम को लिखा पत्र, त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन बताया

PSPCL के CMD की योग्यता बदलने पर विवाद बढ़ा:PSEB इंजीनियर्स एसोसिएशन  ने सीएम को लिखा पत्र, त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन बताया

पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) की योग्यता में किए गए बदलाव को लेकर विवाद गहरा गया है। PSEB इंजीनियर्स एसोसिएशन ने इस फैसले को त्रिपक्षीय समझौते (TPA) का सीधा उल्लंघन बताते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने मांग की है कि CMD की योग्यता में किए गए संशोधनों को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और इस तकनीकी निगम में नियमित टेक्नोक्रेट CMD की नियुक्ति की जाए। दरअसल पंजाब सरकार ने CMD की योग्यता में बदलाव किया है और अब सेक्रेटरी लेवल के आईएएस अधिकारी को CMD लगाने की मंजूरी दे दी है। एसोसिएशन का तर्क है कि पीएसपीसीएल एक तकनीकी कार्पोरेशन है और इसके मुखिया को टेक्नोक्रेट होना जरूरी है ताकि वह सही फैसले ले सके। सीएमडी की नियुक्ति के लिए तय की गई थी शर्तें एसोसिएशन के महासचिव अजय पाल सिंह अटवाल ने कहा कि2010 में पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (PSEB) को दो हिस्सों में बांटा गया। उसके बाद पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) और पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSTCL) का गठन किया गया था। उस समय इन दोनों निगमों के CMD और निदेशकों की नियुक्ति के लिए स्पष्ट योग्यता, अनुभव और चयन प्रक्रिया तय की गई थी। साफ कहा गया था कि सीएमडी व डायरेक्टर के पदों पर अनुभवी टेक्नोक्रेट्स को ही नियुक्त किया जाएगा। प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर के अफसरों से की शुरुआत एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने इन शर्तों को ताक पर रखकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर के IAS अधिकारियों को सीएमडी लगाना शुरू किया। लेकिन सरकार ने अब एक तरफा फैसला लेते हुए सेक्रेटरी स्तर के IAS अधिकारी को भी CMD बनाने का रास्ता खोल दिया है। आईएएस अधिकारियों को तकनीकी नॉलेज न होने से पावरकॉम को नुकसान हो सकता है। त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि अप्रैल 2010 में PSEB के पुनर्गठन के दौरान पंजाब सरकार, प्रबंधन और सभी यूनियनों व एसोसिएशनों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता किया गया था। जिसे सरकार ने नोटिफाई भी किया था। समझौते की धारा 5(g) के अनुसार CMD और डायरेक्टरों की योग्यता व अनुभव में कोई भी बदलाव बिना एसोसिएशन व यूनियनों के हस्ताक्षर के नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन ने पत्र में कहा है कि सरकार ने अपनी तरफ से योग्यता में बदलाव करके उस समझौते का भी उल्लंघन किया है। इसलिए इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए। इंजीनियर्स एसोसिएशन की प्रमुख मांगें जमीनें बेचनेके विरोध में एकजुट हुए अफसर-कर्मचारी बिजली निगमों की जमीनें बेचने के खिलाफ, रोपड़ थर्मल पावर प्लांट में 800 मेगावाट के दो यूनिटों की स्थापना की प्रक्रिया में पैदा की जा रही बाधाओं तथा बिजली संशोधन बिल 2025 को लागू करने की कोशिशों के विरोध में बिजली विभाग की विभिन्न संगठनों एकजुट हो गए हैं। पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन, काउंसिल ऑफ जूनियर इंजीनियर्स, बिजली मुलाजिम संघर्षशील मोर्चा, पेंशनर एसोसिएशन, आईटी ऑफिसर्स एसोसिएशन, एचआर ऑफिसर्स एसोसिएशन, अकाउंट्स एसोसिएशन व अन्य संगठनों ने ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले संघर्ष करने का फैसला किया है। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सीएमडी पावरकॉम और ट्रांसको के साथ मुलाकात की। इस दौरान जमीनें बेचने, बिजली संशोधन बिल 2025 तथा रोपड़ थर्मल प्लांट में 800 मेगावाट के दो यूनिट स्थापित करने से जुड़े मुद्दों पर लंबी बातचीत की गई। सीएमडी ने इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 30 दिसंबर को पटियाला में एक बैठक बुलाई है।

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