चम्बल को दूषित होने से बचाएंगे, ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण शुरू

चम्बल को दूषित होने से बचाएंगे, ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण शुरू

केशवरायपाटन. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की ओर से आबादी क्षेत्र को रिजर्व की परिधी से निकालने के बाद चम्बल नदी में गिरने वाले शहर के आधा दर्जन नालों के पानी को शुद्ध कर चम्बल में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी। यहां कल्याणराय जी महाराज के नीचे वाले खाळ व झरनिया बस्ती क्षेत्र से निकल कर चार चबूतरों के पास गिरने वाले गंदे नाले में ट्रीटमेंट प्लांट निमार्ण कार्य शुरू किया जाएगा।

कल्याराणराय के नाले पर कार्य शुरू कर दिया है। संवेदक ने बताया कि झरनिया बस्ती की ओर से आने वाले नाले के आसपास अतिक्रमण होने से काम रोकना पड़ा। अतिक्रमण हटाने पर ही कार्य शुरू होना संभव है। नालों के पानी के शुद्धिकरण योजना में 17 करोड़ 83 लाख रुपए स्वीकृत हो रहे थे, लेकिन विभागीय बाधा की वजह से कार्य शुरू नहीं हो पाया था। यह योजना सफल रही तो शहर के तमाम गन्दे नाले के पानी को एक जगह मिला कर पानी को शुद्ध करने के बाद चम्बल नदी में मिलाया जाएगा। बारिश के समय यह योजना काम नहीं करेगी।

दूषित चर्मण्यवती को अपने पुराने स्वरूप में लाने में बाधाएं अभी खुब है, लेकिन शहर के गन्दे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से शुद्ध कर मिलाने से यहां जमा पानी में कुछ शुद्धता आने की संभावना है। वैसे कोटा महानगर में कोटा बैराज डाउन स्ट्रीम के नीचे कोटा के गंदे नालों का पानी चम्बल में मिलता है, जिससे यह पानी जहरिला हो गया है। जब तक कोटा महानगर से चम्बल नदी में मिलने वाले गंदे नालों व सिवरेज के पानी पर रोक नहीं लग जाती तब तक चम्बल का पानी शुद्ध नहीं हो सकता है। शहर में जो कार्य प्रस्तावित है, वह भी खानापूर्ति लग रही है। जहां ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण किया जा रहा है, वह स्थान वहां है जहां पर बारिश के समय चम्बल में पानी आने से डूब जाता है। निर्धारित मापदंड से निर्माण नहीं किया तो योजना खानापूर्ति बन कर रह जाएगी।

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